सेट्रल डेस्क: भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इस वर्ष असाधारण रूप से जल्दी दस्तक दी है। भारत मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 2025 में मानसून 19 मई को ही केरल पहुंच गया, जो कि सामान्य तिथि 1 जून से 8 दिन पहले है। यह बीते 16 वर्षों में मानसून का सबसे जल्दी आगमन है। इससे पहले 2009 और 2001 में भी मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था। हालांकि, अब तक का सबसे जल्दी आगमन वर्ष 1918 में दर्ज किया गया था, जब 11 मई को मानसून ने राज्य में प्रवेश किया था।
देश भर में मानसून की शुरुआती हलचल, दिल्ली-नोएडा समेत कई राज्यों में ऑरेंज अलर्ट
केरल में मानसून की समयपूर्व शुरुआत के साथ ही उत्तरी भारत के कई हिस्सों में भी बारिश और तूफानी हवाओं का असर दिखने लगा है। मौसम विभाग ने दिल्ली, नोएडा, लखनऊ, पटना और भोपाल समेत कई बड़े शहरों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान तेज बारिश, गरज के साथ बिजली चमकने और तेज हवाओं की संभावना जताई गई है।
मानसून से कृषि क्षेत्र में नई उम्मीदें, खरीफ फसलों की बुवाई में होगी मदद
भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले कृषि क्षेत्र के लिए मानसून का समय पर आना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। समय पर और पर्याप्त वर्षा होने से धान, तिलहन, दलहन, कपास और सब्जियों जैसी खरीफ फसलों की बुवाई सुचारू रूप से हो सकेगी। इसके साथ ही भूजल स्तर में वृद्धि और जलाशयों के भरने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण आय में सुधार होता है।
मानसून की स्थिरता पर टिकी हैं खेती और अर्थव्यवस्था की उम्मीदें
हालांकि मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि शुरुआती मानसून उत्साहजनक जरूर है, लेकिन इसका दीर्घकालिक प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि आने वाले हफ्तों में मानसून कितनी स्थिरता और एकरूपता से देशभर में आगे बढ़ता है। यदि मानसून जुलाई मध्य तक उत्तर और मध्य भारत में समान रूप से फैल जाता है, तो इसका सीधा असर कृषि उत्पादन, महंगाई नियंत्रण और आर्थिक वृद्धि पर दिखाई देगा।
इतिहास में मानसून के आगमन की प्रमुख तिथियां
वर्ष मानसून आगमन (केरल) विशेष टिप्पणी
1918 11 मई अब तक का सबसे जल्दी आगमन
1972 18 जून सबसे देर से मानसून आगमन का रिकॉर्ड
2001 23 मई समय से पहले मानसून
2009 23 मई समय से पहले मानसून
2016 9 जून पिछले 25 वर्षों में सबसे देर से