उदयपुर : उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को उदयपुर में आयोजित जनजाति गौरव महोत्सव में एक महत्वपूर्ण संबोधन दिया। उन्होंने इस अवसर पर देश में आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को लेकर हो रही कोशिशों पर गहरी चिंता व्यक्त की। धनखड़ ने कहा कि कुछ ताकतें चिकनी-चुपड़ी बातें कर, लालच देकर हमारी आस्था और संस्कृति को बदलने का प्रयास कर रही हैं, और यह सुनियोजित षड्यंत्र है। उन्होंने कहा, “हमारी सांस्कृतिक धरोहर हमारी नींव है, और जब नींव कमजोर होगी, तो इमारत भी सुरक्षित नहीं रहेगी।”
आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को बचायें
धनखड़ ने जनजाति गौरव महोत्सव में अपनी बात रखते हुए कहा कि आजकल देश में कुछ लोग हमारी आस्था को प्रलोभन देकर बदलने की कोशिश कर रहे हैं। “हमारे समाज को बांटने की ताकतें सक्रिय हैं, लेकिन हमें इन्हें रोकने की आवश्यकता है,” उन्होंने कहा। वे विशेष रूप से जनजाति वर्ग की संस्कृति, शौर्य और सामूहिक एकता की सराहना करते हुए इस वर्ग को राष्ट्र की ताकत और आधार बताया।
प्राकृतिक संसाधन व जलवायु परिवर्तन
उप राष्ट्रपति ने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए पूरी दुनिया कोशिश कर रही है, जबकि आप लोग जंगलों और पर्यावरण का सम्मान करते हैं। यदि पूरी दुनिया आपसे सीखती, तो शायद हम इस बर्बादी से बच सकते थे।” उन्होंने जनजाति समुदाय की जीवनशैली को “जल, जंगल, जमीन” के रूप में प्रस्तुत किया और इसे न केवल शब्द, बल्कि एक जीवन दर्शन बताया।
भारत की अर्थव्यवस्था और जनजाति वर्ग का योगदान
धनखड़ ने भारत की आर्थिक प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जबकि पहले देश कमजोर स्थिति में था। “भारत ने कनाडा और इंग्लैंड को पीछे छोड़ दिया है और अब जापान और जर्मनी का नंबर है। यह विकास जनजाति वर्ग के योगदान से और तेजी से आगे बढ़ेगा,” उन्होंने कहा। उप राष्ट्रपति ने भारतीय जनजाति समुदाय से अपील की कि वे अपने शिक्षा में ध्यान केंद्रित करें, क्योंकि यही उनके उज्जवल भविष्य की कुंजी है। उन्होंने यह भी कहा कि, “आज भारत में सही लोगों को स्थान मिल रहा है, और अब जनजाति वर्ग भी इस प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।”
नारी सम्मान और लोकसभा में प्रतिनिधित्व
धनखड़ ने भारतीय कानून में महिलाओं के लिए किए गए सुधारों की सराहना की। उन्होंने कहा, “हमारे देश में अब महिलाएं लोकसभा और विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रही हैं। लोकसभा में एक तिहाई महिलाएं होंगी, जो दूसरों को दिखाएंगी कि महिलाओं में क्या ताकत है और वे नीति निर्माण में किस तरह का योगदान दे सकती हैं।”
नौजवानों से एकता की अपील
उप राष्ट्रपति ने विशेष रूप से बच्चों और युवाओं से अपील करते हुए कहा कि उन्हें शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि यही रास्ता उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक ले जाएगा। उन्होंने यह भी कहा, “हमारे राष्ट्र की एकता और समाज की समरसता में हर नागरिक का योगदान आवश्यक है। यह हमारा धर्म है, और हमें इसे बनाए रखने के लिए अपनी भूमिका निभानी होगी।” धनखड़ का यह बयान देश में बढ़ती एकता, सांस्कृतिक धरोहर और जनजाति वर्ग की भूमिका को लेकर एक मजबूत संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है। उनके शब्दों ने न केवल जनजातियों को प्रेरित किया, बल्कि राष्ट्रहित में एकजुट होने की आवश्यकता पर भी जोर डाला।