खूंटी : दिल्ली के श्रद्धा वालकर हत्याकांड को देश अभी भूला भी नहीं था कि झारखंड के खूंटी जिले में ठीक वैसी ही दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिस तरह श्रद्धा को उसके लिव-इन पार्टनर आफताब ने बेरहमी से मारकर टुकड़ों में काट दिया था, ठीक वैसे ही नरेश भेंगरा ने अपनी लिव-इन पार्टनर गांगी कुमारी के साथ हैवानियत की। प्यार, वादों और साथ जीने के सपनों के साथ शुरू हुआ यह रिश्ता जंगल में मौत और खौफ के साथ खत्म हुआ।
खूंटी जिले के जोरदाग गांव की गलियों में अब भी सन्नाटा पसरा हुआ है। हर कोई 24 नवंबर की उस खौफनाक सुबह को याद कर सहम जाता है, जब एक आवारा कुत्ता इंसानी हाथ लेकर गांव में घूमता नजर आया। जिसने भी यह दृश्य देखा, उसका कलेजा कांप उठा। कुछ ही देर में यह खबर पूरे गांव में फैल गई। पुलिस को सूचना दी गई, और जब वे जंगल पहुंचे, तो जो दृश्य वहां था, उसने सभी को झकझोर कर रख दिया।
प्यार की शुरुआत, जो एक डरावने अंत तक पहुंच गई
गांगी कुमारी और नरेश भेंगरा की प्रेम कहानी खूंटी जिले से शुरू हुई थी। दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे थे। जिंदगी के सपनों को साथ जीने की उम्मीद में वे तमिलनाडु चले गए और लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे। दूर कहीं, जहां कोई उन्हें जानता नहीं था, वहां दोनों के बीच सबकुछ ठीक चल रहा था। लेकिन वक्त ने करवट ली। कुछ महीनों बाद नरेश अचानक झारखंड लौट आया। उसने चुपचाप किसी और से शादी कर ली। यह बात गांगी को नहीं पता थी। नरेश की शादी के बाद भी वह गांगी के पास लौट आया और पहले की तरह उसके साथ रहने लगा।
उस जंगल की ओर आखिरी सफर
8 नवंबर की बात है। गांगी ने नरेश से उसके घर जाने की बात कही। शायद वह अब सिर्फ प्रेमिका नहीं, बल्कि पत्नी बनकर रहना चाहती थी। लेकिन नरेश के मन में कुछ और ही चल रहा था। उसने घर ले जाने के बजाय उसे जंगल की ओर ले जाने का फैसला किया। जंगल की घनी झाड़ियों के बीच, जहां दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आता, नरेश ने गांगी को बैठने को कहा। वह किसी बहाने से वहां से चला गया और कुछ देर बाद लौटा, लेकिन इस बार उसके हाथ में एक धारदार हथियार था।
हैवानियत की हदें पार
पुलिस जांच में नरेश ने जो बताया, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है। उसने पहले गांगी के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। फिर दुपट्टे से उसका गला घोंट दिया। जब गांगी की सांसें थम गईं, तो उसने चाकू उठाया और उसका शव टुकड़ों में काटना शुरू कर दिया। नरेश ने पुलिस को बताया कि उसने शव के करीब 40 से 50 टुकड़े किए। हर टुकड़े को अलग-अलग जगह फेंक दिया, ताकि जंगली जानवर उन्हें खा लें और उसका जुर्म किसी को पता न चले।
दो हफ्ते बाद खुला राज
नरेश ने सोचा था कि उसकी साजिश कभी सामने नहीं आएगी। लेकिन किस्मत ने उसकी योजना को नाकाम कर दिया। हत्या के दो हफ्ते बाद एक कुत्ता इंसानी हाथ लेकर गांव में घूमता दिखाई दिया। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को बुलाया। जंगल में छानबीन के दौरान पुलिस को शरीर के कई टुकड़े मिले। वहां एक बैग भी बरामद हुआ, जिसमें गांगी का आधार कार्ड और कुछ सामान रखा था। कार्यवाई करते हुए पुलिस ने गांगी के फोन रिकार्ड को खंगाला और प्रेमी नरेश तक पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
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