मुंबई : भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं और इस दिशा में दोनों देशों के बीच सहयोग और खुफिया जानकारी साझा करने की प्रक्रिया मजबूत हो रही है।
गार्सेटी ने ‘पीस एंड द रोल ऑफ द यूएस-इंडिया डिफेंस एंड सिक्योरिटी पार्टनरशिप’ विषय पर एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने आतंकवाद के कारण निर्दोष लोगों की मौत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध अब “बहुआयामी” हो गए हैं, और आतंकवाद के खिलाफ उनका सहयोग कभी भी पहले से अधिक मजबूत नहीं था।
आतंकवादियों से मिलकर लड़ने की जरूरत
अमेरिकी राजदूत ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से उत्पन्न खतरे पर चर्चा करते हुए कहा, “इन आतंकवादी संगठनों का कोई सीमा नहीं है। हमें एक साथ इस खतरे का मुकाबला करना होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि केवल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई से ही नहीं, बल्कि समुदायों को कट्टरपंथ से मुक्त करने के प्रयासों में भी दोनों देशों को एकजुट होना चाहिए।
गार्सेटी ने यह भी कहा, “हमारे संबंध केवल सैन्य सहयोग तक सीमित नहीं हैं। हम दोनों देश सैन्य, स्वास्थ्य, जलवायु और महिला सशक्तिकरण जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी साझेदारी कर रहे हैं, ताकि पूरी दुनिया में सकारात्मक प्रभाव डाला जा सके।”
संयुक्त सैन्य अभ्यास में भी दोनों देशों का सहयोग
अमेरिकी राजदूत ने बताया कि अमेरिका और भारत ने कई संयुक्त सैन्य अभ्यास किए हैं, जिनमें अलास्का के पहाड़ों से लेकर हिंद महासागर तक के इलाके शामिल हैं। उन्होंने कहा, “अमेरिका भारत का नंबर एक सैन्य अभ्यास साझेदार है और हम मिलकर अपनी सुरक्षा साझेदारी को और मजबूत करने का काम कर रहे हैं।”