BRICS Summit : 16वें ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए सभी सदस्य देश रुस के कजान पहुंच चुके हैं। वहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गर्मजोशी से स्वागत किया। भारतीय प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
खबरों की मानें तो बुधवार को दोनों देशों के प्रमुखों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हो सकती है। इसकी आधिकारिक पुष्टि भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने की। मिस्त्री ने कहा कि दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच बैठक बुधवार को होनी है, लेकिन समय अभी तय नहीं किया गया है। गलवान में हुए संघर्ष के बाद यह दोनों देशों के प्रमुखों की पहली मुलाकात है। हालांकि दो दिन पहले ही दोनों देशों के बीच समझौते के तहत इस मामले को सुलझा लिया गया है।
इस मुलाकात को लकेर काफी चर्चा है। विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों के बीच जब मुलाकात होगी, तो किस तरह की बातचीत होगी। दूसरी ओर, गलवान समझौते से भी इसे जोड़ा जा रहा है, कि क्या यह समझौता इस बातचीत के पहले की कड़ी थी।
दुनिया इस वक्त दो-दो युद्धों की मार झेल रहा है, जिसका असर पूरी दुनिया पर परोक्ष रूप से पड़ रहा है। भारत दोनों ही देशों के साथ न्यूट्रल रहने की कोशिश में है। फिर चाहे वो पुतिन हों या जेलेंस्की। ऐसे में चीन के साथ एलएसी पर समझौते से दुनिया भर में एक संदेश गया है कि भारत न केवल शांति की वकालत करता है, बल्कि वो मानता भी है।
पांच वर्षों में पहली बार होने जा रही इस मुलाकात के कई मायने हैं। यदि इस मुलाकात के बाद चीन के साथ भारत के संबंध बेहतर होते हैं, तो पश्चिमी देशों के साथ बेहतर संबंध की निर्भरता काफी कम हो जाएगी। इस बैठक को भारत-कनाडा रिश्तों में आई तल्खी के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है। इससे पहले भारत-चीन की मुलाकात 2019 में ब्रिक्स सम्मेलन, जर्मनी में हुई थी।