पॉलिटिकल डेस्क : इंडिया गठबंधन की कल यानी 6 दिसंबर की प्रस्तावित बैठक टल गई है। सूत्रों की मानें, तो शायद इसकी वजह कई नेताओं का बैठक में नहीं आना माना जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में ये भी चर्चा हो रही है कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद विपक्षी दलों का ‘इंडिया’ गठबंधन कमजोर हो सकता है। सत्तारूढ़ भाजपा के मुताबिक, इंडी एलाइंस डर गई है। लेकिन, क्या वजह है जो नेताओं ने बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया है। आइए आपको बताते हैं।
दरअसल, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, सीएम नीतीश कुमार और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन की कल होने वाली बैठक में आने से इंकार कर दिया था। पहले माना जा रहा था कि बड़े नेता अपने प्रतिनिधियों को बैठक में भेज सकते हैं। लेकिन, अब बैठक टाल दी गई है। ममता बनर्जी ने पहले ही इस बैठक से किनारा कर लिया था, वहीं अखिलेश यादव की भी इस मीटिंग में शामिल होने को लेकर संशय बना हुआ था। वहीं, सीएम नीतीश ने भी बैठक में जाने से किनारे करते हुए बीमारी का हवाला देते हुए दिल्ली जाने से इंकार कर दिया। कांग्रेस को इस बात का अनुमान था कि विधानसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन दलों में नाराजगी है, जिसकी वजह से ही कांग्रेस ने यह बैठक बुलाई थी। वहीं, बैठक स्थगित होते ही इसे लेकर सियासत तेज हो चुकी है।
इंडिया गठबंधन ने कांग्रेस पर लगाया आरोप
आपको बता दें कि पांच राज्यों में हुए चुनाव में इंडिया गठबंधन ही एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव में उतर गए थे। वहीं, इंडिया गठबंधन में शामिल दल ने विधानसभा में हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। नीतीश कुमार की जेडीयू ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा था कि यह साफ है कि पार्टी अकेले चुनाव नहीं जीत सकती। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि यह बीजेपी की जीत नहीं, बल्कि कांग्रेस की हार है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनावों में इंडिया ब्लॉक गायब था, क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी अपने सहयोगियों को परामर्श के लिए आमंत्रित नहीं किया। उन्होंने कहा, “इंडिया ब्लॉक को मजबूत करना अब सभी के लिए बहुत जरूरी है। अगर गठबंधन की बैठक कुछ महीने पहले बुलाई जाती तो अच्छा होता।“ नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि अगर भविष्य में स्थिति ऐसी रही, तो भारतीय गठबंधन 2024 का आम चुनाव नहीं जीत पाएगा। उन्होंने कहा, ‘न तो वे छत्तीसगढ़ को बचा सके, न मध्य प्रदेश को वापस जीत सके और न ही वे राजस्थान में दोबारा जीत हासिल कर सके।’
बैठक टलने की क्या है वजह?
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इंडिया गठबंधन की बैठक में हिस्सा लेने नई दिल्ली नहीं आ रहे हैं। इसकी वजह ये है कि तमिलनाडु अभी चक्रवाती तूफान मिचौंग का सामना कर रहा है। पश्चिम बंगाल सीएम ममता के घर में शादी का कार्यक्रम है, जिसकी वजह वह भी बैठक में शामिल नहीं होने आ रही हैं। मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी किसी कामों में अपनी व्यस्तता दिखा रहे हैं, जिसकी वजह से बैठक में शामिल नहीं हो सकते थे।
केवल होगी अनौपचारिक समन्वय बैठक
बुधवार को होने वाली बैठक स्थगित की गई, लेकिन गठबंधन की अनौपचारिक समन्वय बैठक’ होगी, जिसमें पार्टियों के संसदीय दल के नेता शामिल होंगे। सूत्रों की मानें तो, तीन प्रमुख राज्यों में हार का सामना करने के बाद विपक्षी दलों के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है। कांग्रेस को केवल तेलंगाना में सफलता मिली है। वहीं, मिजोरम में जेडपीएम ने जीत हासिल की है। वहीं, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी का डंका बजा है।
नीतीश के खिलाफ जीतन राम मांझी का धरना-प्रदर्शन
इधर, अब जीतन राम विधानसभा में हुए अपमान को लेकर मंगलवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचे और धरना देने बैठ गए। इस धरना में हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन भी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, मांझी धरने के बाद राजघाट भी जाएंगे। इसके अलावा मांझी ने देश के कई दलित संगठनों के साथ मिलकर नीतीश कुमार के खिलाफ दलित और महिला स्वाभिमान सभा का आयोजन किया है|
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