सेंट्रल डेस्क। पाकिस्तान ने हाल ही में अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से अतिरिक्त ऋण की मांग की है, जिसके पीछे भारत के साथ बढ़ते तनावों को कारण बताया गया है। पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘X’ पर एक संदेश जारी कर कहा कि पड़ोसी देश भारत के कारण भारी नुकसान हुआ है और ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और ऋण की आवश्यकता है।

पाकिस्तान को दिये गए ऋण का मामला IMF में उठाएगा भारत
भारत ने पाकिस्तान को दिए गए ऋणों की समीक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से अनुरोध किया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, भारत अपने दृष्टिकोण को आगामी IMF बोर्ड बैठक में प्रस्तुत करेगा। यह कदम जम्मू-कश्मीर में हुए एक आतंकवादी हमले के बाद उठाया गया है, जिसमें 26 हिंदू पर्यटकों की जान गई थी। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पाकिस्तान ने इस आरोप से इनकार किया है और एक निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और अंतरराष्ट्रीय सहायता
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही नाजुक है और बढ़ते सैन्य खर्चों के कारण यह और भी बिगड़ सकती है। पाकिस्तान ने हाल ही में $7 बिलियन का IMF बेलआउट पैकेज प्राप्त किया है और चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से भी वित्तीय सहायता की उम्मीद है। हालांकि, भारत की ओर से IMF में पाकिस्तान के ऋणों की समीक्षा की मांग ने इन सहायता योजनाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पाकिस्तान की बढ़ती वित्तीय जरूरतें और भारत के साथ बढ़ते तनाव अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक गंभीर चुनौती प्रस्तुत करते हैं। अंतरराष्ट्रीय सहायता की दिशा और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता पर इसके प्रभावों का मूल्यांकन समय की आवश्यकता है।