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DRUG EXPORTS FROM INDIA : दवा निर्माण में भारत का बजेगा डंका : 2047 तक फार्मा निर्यात करने वाले शीर्ष पांच देशों में होगी गिनती

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली : भारत के दवा उद्योग के लिए एक खुशखबरी है। भारत, जो पहले से ही दुनिया के सबसे बड़े दवा आपूर्तिकर्ताओं में से एक है, अब 2047 तक फार्मास्युटिकल निर्यात में शीर्ष 5 देशों में अपनी जगह बनाने के लिए तैयार है। 2023 में भारतीय दवा निर्यात का आंकड़ा 27 अरब डॉलर तक पहुंच चुका था और यह 2030 तक 65 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा, तो 2047 तक यह आंकड़ा 350 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

भारत का फार्मा उद्योग : एक प्रमुख शक्ति

बेन एंड कंपनी द्वारा इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (IPA), इंडियन ड्रग्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (IDMA) और फार्मेक्सिल के सहयोग से तैयार की गई रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि भारत अपनी दवा निर्यात की बास्केट में विविधता और नवाचार लाकर 2047 तक दवा निर्यात में शीर्ष 5 देशों में अपनी जगह बना सकता है। वर्तमान में भारत दवा निर्यात के मामले में 11वें स्थान पर है, लेकिन बढ़ते शोध और विकास, बायोसिमिलर उत्पादों और स्पेशलिटी जेनेरिक्स में नवाचार के कारण यह स्थिति बदलने की पूरी संभावना है।

भारत की फार्मा विकास यात्रा

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत लंबे समय से दवा उद्योग में एक मजबूत खिलाड़ी रहा है। उन्होंने कहा, ‘भारत ने हमेशा दवा उद्योग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार इनोवेशन, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ निर्बाध नियामक प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करके इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है’।

मंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षा, उद्योग और सरकार के बीच सहयोग को मजबूत करके भारत एक वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी दवा उद्योग का निर्माण करने में सक्षम होगा, जो न केवल देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि दुनिया भर में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में भी योगदान करेगा।

बायोसिमिलर बाजार में भारत की हिस्सेदारी

भारत के दवा उद्योग का एक अहम क्षेत्र बायोसिमिलर है। हालांकि, भारतीय कंपनियों की वर्तमान में वैश्विक बायोसिमिलर बाजार में हिस्सेदारी 5 प्रतिशत से कम है, लेकिन बढ़ते आरएंडडी निवेश और नए उत्पादों की पाइपलाइन में सुधार से इसमें तेजी से वृद्धि हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का बायोसिमिलर निर्यात वर्तमान में 0.8 अरब डॉलर है, जो 2030 तक 4.2 अरब डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है। 2047 तक यह निर्यात 30-35 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, जिससे भारत को दवा उद्योग में वैश्विक नेतृत्व हासिल करने में मदद मिलेगी।

भारत का फार्मा उद्योग क्यों है महत्वपूर्ण

भारत का दवा उद्योग न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि दुनिया भर के देशों को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवा प्रदान करता है। भारत का फार्मा उद्योग वैश्विक दवा आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण योगदान देता है, और विशेष रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के देशों में इसकी उपस्थिति मजबूत है।

इसके अलावा, भारत में दवा की लागत अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है, जो इसे वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है। भारत की कंपनियां जेनेरिक दवा, बायोसिमिलर, और अन्य विशेष दवा बनाती हैं जो कम लागत में उच्च गुणवत्ता की होती हैं। इसने भारतीय फार्मा उद्योग को एक प्रमुख वैश्विक आपूर्तिकर्ता बना दिया है।

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