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Indian National Flag : तिरंगा फहराने का कानून क्या है? अपमान पर क्या मिलता है दंड? हो सकती है जेल

by Rakesh Pandey
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फोटोन न्यूज : हमारे राष्ट्रीय ध्वज (Indian National Flag) तिरंगे में मौजूद केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है, सफेद रंग शांति और सच्चाई का जबकि हरा रंग संपन्नता का प्रतीक होता है।

अशोक चक्र धर्मचक्र का प्रतीक है। तिरंगे को पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था। भरत सरकार ने तिरंगा फहराने को लेकर कुछ नियम भी तय कर रखे हैं। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे (Indian National Flag) के सम्मान के लिए इन नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। यहां जानें तिरंगा फहराने के क्या हैं नियम

घर पर हम कैसे तिरंगा (Indian National Flag) फहरा सकते हैं?

साल 2002 से पहले तक आम लोग सिर्फ स्वतंत्रता दिवस या फिर गणतंत्र दिवस के दिन ही तिरंगा फहरा सकते थे। अब ऐसा नहीं है। आप कभी भी अपने देश की शान तिरंगा (Indian National Flag) फहरा सकते हैं। हालांकि, इसके लिए भी कुछ नियमों का पालन करना होता है। ये नियम भारतीय झंडा संहिता में दिए गए हैं।

इसी भारतीय झंडा संहिता 2002 के भाग-दो पैरा 2.2 के खंड (11) में बताया गया है, कि अगर कोई व्यक्ति अपने घर में तिरंगा झंडा (Indian National Flag) फहराना चाहता है तो पूरे दिन और रात फहरा सकता है। हालांकि, झंडा फहराते समय आपको इस बात का ख्याल रखना होगा कि झंडा किसी भी तरह से फटे ना। अगर गलती से फट भी जाता है तो उसका अनादर ना हो।

कहां नहीं लगा सकते झंडा?

आपने गौर किया होगा कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को अधिकतर लोग अपने गाड़ियों पर तिरंगा लगा कर घूमते हैं। हालांकि, यह पूरी तरह से गैरकानूनी है और ऐसा करने पर आपको सजा भी हो सकती है. दरअसल भारतीय झंडा संहिता के अनुसार, वाहनों पर केवल 225 ×150 मिलीमीटर आकार के झंडे का ही इस्तेमाल होगा। इसके साथ ही आपको बता दें कि आम इंसान अपने गाड़ी पर तिरंगा नहीं लगा सकता।

इन्हें हैं संवैधानिक अधिकार

झंडा (Indian National Flag) लगाने का विशेष अधिकार सिर्फ कुछ संवैधानिक गणमान्य व्यक्तियों को ही है। इसमें- राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, राज्यपाल, उप-राज्यपाल, प्रधानमंत्री, केबिनेट मंत्री, लोक सभा अध्यक्ष, राज्य सभा अध्यक्ष, राज्यों या संघ के मुख्यमंत्री, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों, पोस्टों के अध्यक्ष विधानसभाओं के अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट के न्यायाधीश ही अपनी गाड़ी पर तिरंगे का इस्तेमाल कर सकते हैं।

क्या है भारतीय झंडा संहिता 2002 में?

भारत सरकार ने 26 जनवरी 2002 को तिरंगा (Indian National Flag) फहराने व इसके इस्तेमाल को लेकर कानून बनाया था। पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की अनुमति नहीं थी। लेकिन दिसंबर 2021 में इसकी अनुमति दे दी गई। अब हाथ या मशीन से बना हुआ कपास, पॉलिएस्टर, ऊन, रेशमी खादी से बना तिरंगा भी घर पर फहराया जा सकता है।

अब 24 घंटे फहरा सकते हैं तिरंगा

इसके बाद हर घर तिरंगा (Indian National Flag) अभियान के तहत सरकार ने 20 जुलाई 2022 को फिर इस कानून में संशोधन किया। सरकार ने इस बार तिरंगे को किसी भी वक्त फहराने की अनुमति दे दी। अब इसे दिन रात 24 घंटे फहराया जा सकता है। इससे पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी

क्या है नियम?

-एक नियम यह है कि तिरंगा कभी भी फटा या मैला-कुचैला नहीं फहराया जाना चाहिए।

– झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए।

– तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता।
– किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को छूना नहीं चाहिए।

– किसी अन्य झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा नहीं रख सकते या नहीं लगा सकते।

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उपयोग के लायक नहीं रह जाए तो कैसे करें निस्तारण

1.गाइडलाइन के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज के निस्तारण के दो तरीके हैं। एक दफन करना और दूसरा जलाना। बेहद गंदे या किसी कारण फट गए राष्ट्रीय ध्वज को दफन करने के लिए लकड़ी का ही बॉक्स लेना होगा। इसमें तिरंगे को सम्मानपूर्वक तह लगाकर रखना होगा। फिर बहुत ही साफ स्थल पर जमीन में दफन करना होगा। इसके बाद उस स्थान पर दो मिनट तक मौन खड़े रहना होगा।

2. दूसरा तरीका जलाने का है। इसके लिए साफ स्थान पर लकड़ी रखकर उसमें आग लगानी होगी। अग्नि के मध्य में इसे सम्मानपूर्वक तह लगाकर डालना होगा। किनारे से नहीं। नियम इसलिए बनाए गए हैं क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज हमारा गर्व है।

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