नई दिल्ली : Indo-US Space Mission : भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने इंडो-यूएस मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के लिए उड़ान भरने के लिए प्राइम एस्ट्रोनॉट को चुन लिया है। इसरो ने सबसे कम उम्र के एस्ट्रोनॉट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को प्राइम एस्ट्रोनॉट बनाया है। शुभांशु शुक्ला को इंडियन एयरफोर्स ने हाल ही में प्रमोशन भी दिया है।
Indo-US Space Mission : कौन हैं शुभांशु शुक्ला
शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश के लखनऊ से हैं। वो नेशनल डिफेंस एकेडमी से पासआउट हैं। वो इंडियन एयरफोर्स की फाइटर स्ट्रीम में 16 जून 2006 से कमीशन हुए थे। उन्होंने रूस की राजधानी मॉस्को के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग हासिल की है। विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला एसयू-30 एमकेआई, एमआईजी-21, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर और एएन-32 एयरक्राफ्ट उड़ा चुके हैं।
Indo-US Space Mission : मिशन गगनयान में भी शामिल हैं शुभांशु शुक्ला
भारत ने अपने पहले ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन ‘गगनयान’ के लिए हाल ही में 4 एस्ट्रोनॉट के नाम का ऐलान किया था। वहीं पीएम मोदी ने प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला को ‘मिशन गगनयान’ के लिए चुना था। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत 2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजना चाहता है।
बता दें कि गगनयान मिशन भारत का पहला ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन है। वहीं पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2018 को इस मिशन का ऐलान किया था। गगनयान मिशन को 2025 में लॉन्च किया जाएगा। इसी के तहत 4 एस्ट्रोनॉट्स को 400 किलोमीटर ऊपर धरती की लोअर ऑर्बिट में स्पेस में भेजा जाएगा। दो से तीन दिन स्पेस में बिताने के बाद उन्हें सुरक्षित वापस हिंद महासागर में समुद्र के भीतर उतारा जाएगा।
वहीं इसरो ने एक बयान में कहा कि असाइन्ड चालक दल के सदस्यों को बहुपक्षीय चालक दल संचालन पैनल (एमसीओपी) की ओर से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर उड़ान भरने के लिए अंतिम रूप से मंजूरी दी जाएगी। वहीं अनुशंसित गगनयात्री अगस्त 2024 के पहले सप्ताह से मिशन के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू करेंगे। इसके साथ ही इसरो ने कहा कि अपने मिशन में गगनयात्री आईएसएस पर चयनित वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन प्रयोग करेंगे साथ ही अंतरिक्ष आउटरीच गतिविधियों में शामिल होंगे।
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