Home » Ganga Saagar Mela 2025 : श्रद्धालुओं तक संदेश पहुंचाने के लिए ड्रोन का अभिनव प्रयोग

Ganga Saagar Mela 2025 : श्रद्धालुओं तक संदेश पहुंचाने के लिए ड्रोन का अभिनव प्रयोग

सुरक्षा और संचार में नित नई सुविधाएं, अधिकारियों ने की विशेष व्यवस्था

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

कोलकाता : ‘सब तीरथ बार-बार, गंगासागर एक बार’—यह प्रसिद्ध कहावत गंगासागर मेला की महत्ता को दर्शाती है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। इस वर्ष गंगासागर मेला की शुरुआत हो चुकी है और राज्य सरकार द्वारा श्रद्धालुओं के सुरक्षा और सुविधा के लिए कुछ नई और अभिनव पहल की गई हैं। इस बार मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं तक संदेश और जरूरी जानकारी पहुंचाने के लिए ड्रोन का उपयोग करने का निर्णय लिया है, जिससे श्रद्धालुओं की दिक्कतें दूर की जा सकेंगी।

ड्रोन से माइकिंग : संदेशों का प्रभावी प्रसार

गंगासागर मेला में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा और सुव्यवस्था बनाए रखना एक चुनौती बन जाता है। इस वर्ष, दक्षिण 24 परगना जिले के प्रशासन ने श्रद्धालुओं को स्नान घाटों और अन्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में आवश्यक जानकारी पहुंचाने के लिए ड्रोन से माइकिंग करने का निर्णय लिया है। इस ड्रोन का मुख्य उद्देश्य मेला क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना या भीड़ नियंत्रण के लिए तत्काल संदेश देना है। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि ये ड्रोन खासकर सी-बीच 1 ए, 1 सहित अन्य घाटों पर काम करेंगे, जिससे श्रद्धालुओं को आवश्यक दिशा-निर्देश मिल सकेंगे।

अधिकारी ने बताया कि गंगासागर के प्रमुख स्थलों पर भी ड्रोन से संदेश भेजकर भीड़ नियंत्रित किया जाएगा। कुल मिलाकर मेला क्षेत्र में 26 ड्रोन कार्य करेंगे, जो मेला की सुरक्षा और व्यवस्थित संचालन में मदद करेंगे। इसके अतिरिक्त, सागर मेला ग्राउंड और मुड़ी गंगा नदी में थर्मल इमेजिंग और नाइट विजन ड्रोन का भी उपयोग किया जाएगा, ताकि रात के समय और धुंध में भी सुरक्षा व्यवस्था कायम रखी जा सके।

संचार की समस्याओं से निपटने के लिए विशेष इंतजाम

गंगासागर मेला में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र होते हैं, जिससे फोन नेटवर्क पर भारी दबाव पड़ता है और कॉल ड्रॉप की समस्या उत्पन्न होती है। इस समस्या को हल करने के लिए, बीएसएनएल और अन्य निजी टेलीकॉम कंपनियों से मिलकर अस्थायी टावरों की संख्या बढ़ाई गई है। इसके अलावा, मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त वाई-फाई कॉलिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस सुविधा के तहत, श्रद्धालु किसी भी जानकारी या आपात स्थिति में वाई-फाई कॉलिंग बूथ से संपर्क कर सकेंगे। इस बार मेला में 10 वाई-फाई कॉलिंग बूथ लगाए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।

इसके अलावा, मेला प्रशासन ने एक और पहल की है जिसके तहत श्रद्धालु वाट्सएप चैटबोट के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं या अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। इस डिजिटल पहल से न केवल श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी, बल्कि प्रशासन के लिए भी समस्याओं का समाधान जल्दी और प्रभावी तरीके से हो सकेगा।

मेले की सुरक्षा : वॉकी-टॉकी और हैम रेडियो

मेले के आयोजन में सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है और इस बार इस पहलू को लेकर भी प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं। मेला अधिकारियों के लिए 145 वॉकी-टॉकी की व्यवस्था की गई है, ताकि वे आपस में आसानी से संवाद कर सकें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई कर सकें। इसके अलावा, खोया-पाया की स्थिति में हैम रेडियो की व्यवस्था भी की गई है, जो श्रद्धालुओं को उनके खोए हुए सामान की खोज में मदद करेगा।

Read Also- Ganga Sagar Mela 2025 : इतिहास से लेकर मान्यता तक, जानें इस विशेष मेले के बारे में

Related Articles