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Vande Bharat Train : वंदे भारत ट्रेन में खाने में मिला कीड़ा, फूड प्रोवाइडर ने किया ‘जीरा’ का दावा, लगा जुर्माना

रेलवे की ओर से जारी किए गए स्पष्टीकरण में कहा गया कि परोसे गए खाने में कीड़ा था। इसे कैसरोल कंटेनर के ढक्कन पर चिपका हुआ पाया गया। अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए रेलवे ने साफ किया कि यह लापरवाही स्वीकार्य नहीं है।

by Rakesh Pandey
Vande Bharat Express
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नई दिल्ली : भारतीय रेलवे की प्रतिष्ठित वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में एक यात्री के खाने में कीड़ा मिलने की घटना ने एक बार फिर रेलवे के खाने की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। तिरुनेलवेली और चेन्नई के बीच चलने वाली इस ट्रेन में मुरुगन नामक यात्री को परोसे गए सांभर में तीन कीड़े मिले। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया और शिकायत की। मुरुगन के अनुसार जब उन्होंने इस बारे में फूड प्रोवाइडर से संपर्क किया तो उसने बिना किसी शर्म के दावा किया कि यह कीड़ा नहीं बल्कि “जीरा” था। लेकिन मुरुगन और उनके आस-पास के अन्य यात्रियों ने इसे सही नहीं माना और मामले को बढ़ा दिया।

फूड प्रोवाइडर ने की मामले को रफा-दफा करने की कोशिश

मुरुगन, जो वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे, ने जब अपने खाने में कीड़े देखे, तो उन्होंने तुरंत फूड प्रोवाइडर से संपर्क किया। मुरुगन का कहना था कि फूड प्रोवाइडर ने पहले तो दो कीड़ों को अपने हाथ से निकाल लिया, जबकि एक कीड़ा मुरुगन को खुद निकालना पड़ा। लेकिन जब उन्होंने मामले की शिकायत की, तो फूड प्रोवाइडर ने इसे रफा-दफा करने की कोशिश करते हुए कहा कि यह कोई कीड़ा नहीं, बल्कि “जीरा” है। इस सफाई से मुरुगन और अन्य यात्रियों को संतुष्टि नहीं मिली।

यात्री ने की वीडियो रिकॉर्डिंग

मुरुगन ने इस पूरे घटनाक्रम की रिकॉर्डिंग शुरू की और खाने को वापस कर दिया। साथ ही उनके आसपास के यात्रियों ने भी इस गड़बड़ी की शिकायत की और खाना वापस कर दिया। मुरुगन ने इस दौरान यह भी कहा कि “अगर आप बच्चों को ऐसा खाना देंगे तो उन्हें फूड प्वॉइजनिंग हो सकती है।” उन्होंने यह भी बताया कि इडली पर रंग के निशान थे, जो और भी संदिग्ध थे।

रेलवे की जांच, जारी किया स्पष्टीकरण

दक्षिणी रेलवे ने इस घटना का संज्ञान लिया और तुरंत जांच शुरू की। रेलवे की ओर से जारी किए गए स्पष्टीकरण में कहा गया कि परोसे गए खाने में सच में कीड़ा था, लेकिन इसे कैसरोल कंटेनर के ढक्कन पर चिपका हुआ पाया गया। रेलवे ने यह दावा भी किया कि यह कीड़ा खाना पकने के बाद वहां आया था, और इससे यह संदेश देने की कोशिश की कि यह पूरी तरह से स्वच्छ नहीं था, बल्कि एक लापरवाही की वजह से हुआ था।

रेलवे ने कहा- लापरवाही स्वीकार्य नहीं

हालांकि, रेलवे ने इस मामले में अपनी जिम्मेदारी स्वीकार की और साफ किया कि यह लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। रेलवे ने कहा कि दूषित खाने के पैकेट को गुणवत्ता जांच के लिए डिंडीगुल में हेल्थ इंस्पेक्टर को सौंप दिया गया था, और शुरुआती जांच में कोई असामान्यता सामने नहीं आई। हालांकि, मिनी पैंट्री एरिया का गहन निरीक्षण करने के बाद यह पुष्टि की गई कि यह स्वच्छ था और इसमें कीड़ों की कोई मौजूदगी नहीं थी।

फूड सप्लायर पर 50,000 रुपये का लगाया जुर्माना

दक्षिणी रेलवे के मदुरै डिवीजन ने इस लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई करते हुए संबंधित फूड सप्लायर को 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। रेलवे अधिकारियों ने इस जुर्माने का हवाला देते हुए कहा कि यह कदम इस बात की पुष्टि करता है कि इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, मामले में आगे की कार्रवाई जारी है, और यह संकेत भी दिया गया कि फूड सप्लायर पर और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं, ताकि ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।

यात्रियों में नाराजगी

यह घटना न केवल मुरुगन और उनके परिवार के लिए शर्मिंदगी का कारण बनी, बल्कि यह भारतीय रेलवे के खाद्य गुणवत्ता की निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है। यात्रियों का यह कहना था कि जब एक प्रतिष्ठित ट्रेन जैसे वंदे भारत एक्सप्रेस में इस प्रकार की घटनाएं घटती हैं, तो बाकी ट्रेनों के खाने की स्थिति के बारे में भी अनुमान लगाना मुश्किल होता है। यात्रियों ने यह भी कहा कि रेलवे को अपनी खानपान सेवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए अधिक कड़ी निगरानी रखनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं ना हों और यात्रियों को सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक खाना मिल सके।

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