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जमशेदपुर के गैंगेस्टर अमरनाथ की हत्या की इनसाइड स्टोरी : आखिर क्यों शुरू हुआ मानगो में अमरनाथ और गणेश गैंग के बीच टकराव

by Rakesh Pandey
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बासुकीनाथ/जमशेदपुर : झारखंड के दुमका जिले के जरमुंडी थाना से महज 100 मीटर की दूरी पर बासुकीनाथ नंदी चौक के समीप गुरुवार की रात्रि 11.45 बजे बासुकीनाथ पूजा अर्चना करने आए जमशेदपुर मानगो गौड़ बस्ती, कृष्णा नगर के रहने वाले 40 वर्षीय अमरनाथ सिंह की गोली मारकर अज्ञात अपराधियों ने हत्या कर दी।

हत्या को जमशेदपुर के मानगो में चल रहे गैंगवार का परिणाम बताया जा रहा है। घटना के वक्त अमरनाथ सिंह पूजा अर्चना करने के बाद अपने गांव के भतीजा मनीष कुमार के साथ एक दुकान पर चाय पी रहा था। इसी दौरान कांवरिया के वेश में आए अपराधियों ने हमला बोल दिया। अमरनाथ की पत्नी नेहा सिंह, चार बच्चे व परिवार के अन्य सदस्य बाजार में थे।

                         

अज्ञात अपराधियों ने झोले से हथियार निकाल कर कनपटी से सटाकर करीब छह-सात राउंड फायरिंग की। इसके बाद मौके से फरार हो गए। फायरिंग की आवाज सुनकर आस-पास बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस पदाधिकारी, स्थानीय लोगो घटनास्थल पर पहुंचे। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने अमरनाथ को मृत घोषित कर दिया। अमरनाथ सिंह पर जमशेदपुर में कई आपराधिक मामले दर्ज थे।

वारदात के बाद गणेश गैंग का नाम आया सामने
इस घटना के बाद गणेश गैंग का नाम सामने आ रहा है। घटनास्थल पर मौजूद मृतक के दोस्त बृजेश सिंह फोन पर किसी को बार-बार जानकारी दे रहे थे कि यह गणेश ने घटना कराई है। सूत्रों की मानें तो अमरनाथ सिंह का गणेश गैंग के साथ लंबे समय से अदावत चल रही थी। मृतक के मित्र ब्रजेश सिंह ने बताया कि सोमवार को उन्होंने जमशेदपुर से कार से सुल्तानगंज की यात्रा प्रारम्भ की थी। घटना के वक्त मृतक बासुकीनाथ नंदी चौक के समीप एक दुकान के बाहर चाय पी रहा था। यहां से शुक्रवार की सुबह तारापीठ जाने का था। इसी दौरान घटना को अंजाम दिया गया।

क्या है अमरनाथ सिंह और गणेश गैंग के बीच का पुराना विवाद
अमरानथ सिंह पुलिस की नजर में एक गैंगेस्टर था। हाल के दिनों में उसके गैंग ने जमशेदपुर व आस पास के क्षेत्रों के कई घटनाओं का अंजाम दिया था। वह जमीन कारोबार से जुड़ा था। उसके खिलाफ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने की भी पुलिस में शिकायत थी। वर्ष 2015 से गणेश गैंग और अमरनाथ गैंग में लड़ाई चल रही है। दरअसल इस विवाद की शुरुआत मानगो डिमना रोड के रहने वाले कुछ लड़कों के बीच आपसी लड़ाई से शुरू हुई।

मारपीट के दौरान एक लड़का भागते हुए गणेश के फ्लैट में घुस गया था। इसी बीच कुछ और लड़की उसको मारने के लिए पहुंच गए। इसी दौरान गणेश और लड़कों के बीच विवाद हो गया। बताया जा रहा था कि यह लड़के अमरनाथ से जुड़े हुए थे। इस केस के बाद गणेश के भाई पर डिमना रोड में जानलेवा हमला हुआ। इसमें गणेश के भाई को गोली लगी थी। हमला कराने का आरोप अमरनाथ पर लगा था। इसके बाद दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया। कहा जाता है कि गणेश को अखिलेश सिंह गिरोह का संरक्षण प्राप्त हुआ।

वहीं अमरनाथ को परमजीत गिरोह का संरक्षण प्राप्त था। धीरे-धीरे दोनों गिरोह के लोग जमीन कारोबार में उतर गए। इसमें एक दूसरे से टकराव और बढ़ गया। गणेश पर भी अभी वर्ष पहले जानलेवा हमला हुआ था लेकिन वह बच गया। पिछले दुर्गापूजा के दौरान आपसी गैंगवार में अमरनाथ के एक ग्रुप के एक युवक की हत्या हुई थी। इसको लेकर विवाद चल रहा था।

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कावंरिया बनकर में आए थे हमलावर :
इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी व मृतक के भतीजा मनीष कुमार ने बताया कि उनके चाचा की हत्या करने वाले हमलावर कांवरिया के वेश में आए थे। उन्होंने झोला से हथियार निकाला और घटना को अंजाम दिया। वहीं घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर जरमुंडी थाना के पुलिस निरीक्षक दयानंद साह, एसआई अनुज कुमार यादव, एएसआई योगेंद्र शर्मा, अशोक कुमार, बासुकीनाथ नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मंटू लाहा, उपाध्यक्ष अमित कुमार साह उर्फ छोटू साह सहित स्थानीय ग्रामीण सहित भारी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

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