पॉलिटिकल डेस्क, नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को देश के सामने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट (Interim Budget 2024) पेश किया। चुनावी साल होने के कारण ये एक अंतरिम बजट था। बावजूद इसके लोगों को इस बजट से काफी सारी उम्मीदें थीं। आमतौर पर लोग किसी भी बजट के बाद के बाद जिन कुछ चीजों की तलाश सबसे ज्यादा करते हैं, उनमें से एक है कि क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा? आइए जानते हैं।
कीमतों ने कोई बदलाव नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अंतरिम बजट में किसान, महिलाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर सहित कई सारे सेक्टर के लिए काफी सारे एलान किए हैं। हालांकि, बावजूद इसके अंतरिम बजट के बाद कुछ भी महंगा या सस्ता नहीं होगा। इस बजट में ऐसा कुछ भी एलान नहीं हुआ है, जिसके कारण देश में कुछ महंगा या सस्ता हो।
10 वर्षों में अर्थव्यवस्था में परिवर्तन (Interim Budget 2024)
अपने भाषण की शुरुआत में निर्मला सीतारमण ने कहा, ”पिछले 10 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। 2014 में देश भारी चुनौतियों का सामना कर रहा था। सरकार ने उन चुनौतियों पर काबू पाया और संरचनात्मक सुधार किए।” इससे पहले बजट को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी। वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार का छठा बजट पेश किया। मई में लोकसभा चुनाव के बाद जो नई सरकार आएगी, वह आम बजट पेश करेगी।
2021 में पहला पेपरलेस बजट
2019 में निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के लिए पारंपरिक ब्रीफकेस को छोड़ बहीखाता अपना लिया था। इसी बहीखाता में भाषण और अन्य दस्तावेज होते हैं। 2021 में जब निर्मला सीतारमण ने कोविड संक्रमण के दौरान बजट पेश किया था, तो वह पहला पेपरलेस बजट था।
डिफेंस में नई डीप-टेक टेक्नोलॉजी
Interim Budget 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिफेंस पर कहा कि हम नई डीप-टेक टेक्नोलॉजी लेकर आएंगे। आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाएंगे। साल 2023-24 का रक्षा बजट 6.02 लाख करोड़ रुपए था, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13 फीसदी ज्यादा था। इस बार यह बढ़कर 6.20 लाख करोड़ हो गया है। यानी 3.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
(Interim Budget 2024)
अंतरिम बजट में इस मंत्रालय को 2.13 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया है। देश में बुनियादी उपभोक्ता आंदोलन को गति देने के लिए एक विशिष्ट विभाग की आवश्यकता के दृष्टिकोण से, जून 1997 में इसे एक अलग विभाग के रूप में गठित किया गया था।
राष्ट्रपति ने 2023 को बताया देश के लिए ऐतिहासिक वर्ष
इससे पहले बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि 2023 देश के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष था और देश ने वैश्विक संकट के बावजूद सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने की गति को बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि भारत ने लगातार दो तिमाहियों में लगभग 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है।
क्या है अर्थव्यवस्था की स्थिति?
वित्त मंत्रालय ने एक समीक्षा रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लगभग 7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। घरेलू मांग की मजबूती ने अर्थव्यवस्था को पिछले कुछ वर्षों में 7 प्रतिशत से अधिक विकास दर तक पहुंचाया है। भारत की अर्थव्यवस्था 2022-23 में 7.2 प्रतिशत और 2021-22 में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद
इसके अलावा, मजबूत जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान, प्रबंधकीय स्तर पर मुद्रास्फीति, राजनीतिक स्थिरता और केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति को मजबूत करने के संकेतों ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक उज्जवल तस्वीर तैयार करने में योगदान दिया है। अनुमान के अनुसार, अगले तीन वर्षों में भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।
इसके बाद भारत अगले छह से सात वर्षों (वर्ष 2030 तक) में 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद कर सकता है।
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