नालंदा : बिहार के नालंदा जिला अंतर्गत इस्लामपुर नगर परिषद क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण की समस्या लगातार विकराल होती जा रही है। फुटपाथों पर दुकानें, सड़कों पर टेम्पू (आटो-टोटो) की लंबी कतारें और नालों के ऊपर तक फैली गुमटियों ने नगर की सामान्य दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इसी क्रम में एक बार फिर नगर परिषद और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन स्थानीय लोगों ने इस अभियान को सिर्फ ‘खानापूर्ति’ करार दिया है।
अतिक्रमण हटाने से पहले दी गई चेतावनी, कार्रवाई पटना रोड से शुरू
सूत्रों के अनुसार, नगर परिषद द्वारा लाउडस्पीकर के माध्यम से सूचना प्रसारित की गई थी कि सुबह 8 बजे तक स्वयं अतिक्रमण हटाएं, अन्यथा बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी। निर्धारित समय सीमा के बाद दोपहर करीब 12 बजे, नगर प्रशासन ने पटना रोड पर बुलडोजर चलाकर गुमटियों, ठेलों, और अवैध रूप से सड़क पर फैले दुकानों को हटाना शुरू किया।
इस्लामपुर में अतिक्रमण की गंभीर स्थिति बनी चुनौती
नगर परिषद क्षेत्र में अतिक्रमण की स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि आम नागरिकों के लिए पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था। फुटपाथ तो मानो पूरी तरह व्यवसायियों के कब्जे में आ गए थे। दुकानें सड़क के बीचों-बीच तक फैली थीं और टोटो-टेम्पू चालकों ने यातायात व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर दिया था। इससे लगातार जाम, दुर्घटनाओं और जनजीवन की असुविधा का सामना करना पड़ रहा था।
दोहराव बन रही हैं अतिक्रमण विरोधी कार्रवाइयां
यह कोई पहला मौका नहीं है जब इस्लामपुर में बुलडोजर चला हो। सितंबर 2024 में भी अनुमंडल पदाधिकारी, हिलसा के निर्देश पर पटना रोड, गौरव नगर, मलिक सराय और निचली बाजार क्षेत्र में ऐसी ही अभियान चलाया गया था। लेकिन प्रशासन की यह कार्रवाई कुछ ही दिनों में निष्प्रभावी हो गई, जब अतिक्रमण पुनः शुरू हो गया।
क्या यह अभियान फिर बन जाएगा ‘खानापूर्ति’
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की गंभीरता की कमी, नियमित निगरानी का अभाव और राजनीतिक दबाव के चलते यह अभियान स्थायी समाधान नहीं बन पाता। सवाल यह भी है कि बिना दीर्घकालीन योजना और सख्त अनुपालन के क्या अतिक्रमण हटाने का यह प्रयास कुछ दिनों की ‘सफाई’ बनकर रह जाएगा?