ISRO प्रमुख का बड़ा खुलासा: 10 उपग्रह 24×7 निगरानी में, देश की सुरक्षा को बना रहे अभेद्य
2040 तक बनेगा भारत का पहला अंतरिक्ष स्टेशन, G20 के लिए भी विशेष उपग्रह निर्माणाधीन
इम्फाल/नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने रविवार को कहा कि भारत अब सिर्फ एक अंतरिक्ष शक्ति नहीं, बल्कि एक “सजीव अंतरिक्ष शक्ति” बन चुका है। उन्होंने जानकारी दी कि देश की सुरक्षा और नागरिकों की संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10 उपग्रह लगातार 24 घंटे कार्यरत हैं।
डॉ. नारायणन मणिपुर के इम्फाल स्थित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
भारत की रणनीतिक निगरानी को मजबूती देते उपग्रह
ISRO प्रमुख ने कहा,
“मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि 10 उपग्रह देश की सुरक्षा के लिए रणनीतिक उद्देश्यों के तहत लगातार निगरानी कर रहे हैं। चाहे वह जमीन हो, समुद्र हो या आकाश – हम हर स्तर पर नजर बनाए हुए हैं।”
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव का माहौल बना हुआ है। भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसका मकसद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों को जवाब देना था।
सुरक्षा के लिए आवश्यक है उपग्रह और ड्रोन टेक्नोलॉजी: ISRO प्रमुख
उन्होंने कहा कि अगर हमें देश की सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है तो
“हमें उपग्रह और ड्रोन तकनीक का विस्तार करना ही होगा। भारत के 7,000 किलोमीटर लंबे समुद्री तट से लेकर पूरे उत्तर भारत की सीमा तक सतत निगरानी अब अनिवार्य हो चुकी है।”
G20 के लिए भी खास मिशन पर काम कर रहा ISRO
ISRO प्रमुख ने आगे बताया कि भारत सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक हितों के लिए भी अंतरिक्ष तकनीक का विस्तार कर रहा है।
“हम G20 देशों के लिए एक विशेष उपग्रह का निर्माण कर रहे हैं, जो जलवायु परिवर्तन, वायु प्रदूषण और मौसम की निगरानी में सहयोग करेगा।”
2040 तक भारत का पहला अंतरिक्ष स्टेशन
अपने संबोधन में उन्होंने यह भी खुलासा किया कि
“वर्ष 2040 तक भारत का पहला अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित कर दिया जाएगा, जो देश की तकनीकी क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।”
अंतरिक्ष कार्यक्रम की प्रगति को बताया ‘अद्वितीय’
उन्होंने स्वतंत्रता के बाद भारत की अंतरिक्ष प्रगति को ‘अद्वितीय और उल्लेखनीय’ करार देते हुए कहा कि अब भारत ऐसे देशों की सूची में है जो ग्लोबल सैटेलाइट लॉन्च सेवा प्रदाता बन चुके हैं। आज तक भारत से 34 देशों के 433 उपग्रह सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किए जा चुके हैं।