बेंगलुरु : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान के कक्षा उन्नयन की तीसरी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया। यहां स्थित राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी मुख्यालय ने कहा कि उन्नयन की अगली प्रक्रिया को 20 जुलाई को अपराह्न दो से तीन बजे के बीच अंजाम दिए जाने की योजना है।
एजेंसी ने कहा, “तीसरी कक्षा उन्नयन प्रक्रिया आईएसटीआरएसी (इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमान नेटवर्क)/इसरो, बेंगलुरु से सफलतापूर्वक पूरी की गई। चंद्रमा के लिये चंद्रयान-तीन मिशन को 14 जुलाई को सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया गया था।
कक्षा बढ़ाने के लिए अगली फायरिंग मंगलवार दोपहर 2 से 3 बजे के बीच प्लान की गई है। इसके बाद पृथ्वी के ऑर्बिट में दो बार और फायरिंग की जाएगी। स्पेसक्राफ्ट 31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्यरात्रि को पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की ओर बढ़ेगा। 5 तारीख को चंद्रमा की ग्रैविटी स्पेसक्राफ्ट को कैप्चर करेगी। 23 तारीख को ये चंद्रमा पर लैंड करेगा।
चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा। मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि चांद की सतह पर कैसे भूकंप आते हैं। यह चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन भी करेगा।
भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा
अगर सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिली यानी मिशन सक्सेसफुल रहा तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। अमेरिका और रूस दोनों के चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने से पहले कई स्पेस क्राफ्ट क्रैश हुए थे। चीन 2013 में चांग’ई-3 मिशन के साथ अपने पहले प्रयास में सफल होने वाला एकमात्र देश है।