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Jharkhand ITI Trade Closer : झारखंड में 125 ITI संस्थानों में नहीं हो रहे एडमिशन, मान्यता पर संकट, जानें किस जिले में कितने सेंटर पर है संकट

* ITI Courses पर संकट: नामांकन के बिना बंद होंगे कोर्स, मंत्रालय ने दिखाया सख्त रुख

by Anand Mishra
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Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड सहित पूरे देश में ITI (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) की स्थिति दिनोंदिन बदहाल होती जा रही है। छात्रों की घटती संख्या और लगातार खाली रह रहीं सीटों को देखते हुए भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (Ministry of Skill Development and Entrepreneurship) ने बड़ा फैसला लिया है। देशभर में उन ट्रेड्स को बंद करने की तैयारी शुरू हो गई है, जिनमें पिछले तीन वर्षों से एक भी नामांकन नहीं हुआ है।

झारखंड के 125 संस्थानों में नामांकन शून्य, NCVT ने जारी की नोटिस

झारखंड के 125 आईटीआई संस्थानों में इलेक्ट्रिशियन, फीटर, डीजल मैकेनिक, कंप्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक जैसे प्रमुख कोर्स में पिछले तीन वर्षों से एक भी विद्यार्थी ने एडमिशन नहीं लिया है। इसी को देखते हुए नेशनल काउंसिल फॉर वोकशनल ट्रेनिंग (NCVT) और डीजी ट्रेनिंग (DGT) ने इन संस्थानों को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया है।

इसके अलावा, मंत्रालय द्वारा इन संस्थानों का भौतिक सत्यापन (Physical Verification) कराया जाएगा। जांच के बाद यह तय होगा कि सत्र 2025-26 से संबंधित ट्रेड्स में एडमिशन की अनुमति दी जाएगी या नहीं।

रांची, पलामू, सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम सबसे ज्यादा प्रभावित

  • रांची : 35 संस्थान
  • पलामू : 23 संस्थान
  • सरायकेला-खरसावां : 12 संस्थान
  • पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) : 13 संस्थान
  • गोड्डा : 2 संस्थान
  • बोकारो : 12 संस्थान
  • पश्चिमी सिंहभूम : 20 संस्थान
  • कोडरमा : 8 संस्थान
  • इन संस्थानों में प्रत्येक ट्रेड की एक यूनिट में 20 सीटें होती हैं। बावजूद इसके, 2022 से 2024 तक एक भी सीट नहीं भर पाई है।

तीन वर्षों से खाली 99,196 सीटें, 669 ITI संस्थान प्रभावित

भारत सरकार के एक पत्र के अनुसार, देशभर के 669 ITI संस्थानों में कुल 4718 यूनिट्स हैं, जिनकी करीब 99,196 सीटें लगातार तीन वर्षों से खाली पड़ी हैं। यह स्थिति वोकेशनल एजुकेशन की गंभीर विफलता को उजागर करती है।

एक भी एडमिशन नहीं होने पर कोर्स की मान्यता होगी रद्द

NCVT के नियमों के अनुसार, यदि किसी ट्रेड में दो साल तक लगातार नामांकन नहीं होता है, तो उस कोर्स की मान्यता रद्द कर दी जाती है। झारखंड के दो दर्जन से अधिक आईटीआई संस्थानों में तीन साल से लगातार शून्य एडमिशन हो रहा है, जिससे अब इनकी मान्यता खतरे में है।

क्या कहते हैं अधिकारी?

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “सरकार का उद्देश्य युवाओं को कौशलयुक्त बनाना है। लेकिन जब छात्रों की रुचि ही नहीं है, तो संसाधनों की बर्बादी नहीं की जा सकती। सभी संस्थानों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया है।”

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