जमशेदपुर : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत जादूगोड़ा क्षेत्र के 50 युवक-युवतियों को एक्सेल इंडिया कंपनी द्वारा प्रशिक्षण के नाम पर चेन्नई भेजा गया था, लेकिन वहां उनसे बंधुआ मजदूरों की तरह काम कराया गया। आरोप है कि प्रतिदिन 12 से 16 घंटे तक लगातार खड़ा कर काम कराया गया। इस दौरान कई युवाओं के हाथ जल गए, फिर भी बीमार हालत में जबरन काम कराया गया।
बिना वेतन जबरन इस्तीफा, प्रबंधन ने कहा- कमीशन मुखिया को मिल चुका
काम करने से मना करने पर 35 युवाओं से जबरन इस्तीफा लिखवाकर उन्हें प्लांट से निकाल दिया गया, वो भी बिना वेतन दिए। जब पीड़ित युवाओं ने इसका विरोध किया, तो कंपनी प्रबंधन ने साफ कहा कि ‘तुम्हें तो मुखिया ने भेजा है, उसे कमीशन मिल चुका है। अब कोई प्रशिक्षण नहीं मिलेगा’।
प्रखंड प्रमुख ने जताई सख्त आपत्ति, HR हेड को दी चेतावनी
इस अमानवीय बर्ताव की जानकारी पीड़ित युवाओं ने मुसाबनी प्रखंड प्रमुख रामदेव हेम्ब्रम को दी। प्रमुख ने तुरंत एक्सेल इंडिया के राखा स्थित कार्यालय के पदाधिकारी से बात की और कड़ा विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कंपनी के एचआर हेड विपिन कुमार को स्पष्ट चेतावनी दी कि –
• युवाओं का बकाया वेतन अविलंब दिया जाए
• स्थानीय युवाओं को बाहर नहीं, यहीं प्रशिक्षण दिया जाए
• प्रशिक्षण के नाम पर उन्हें कहीं और ले जाकर प्रताड़ित करने की प्रक्रिया बंद हो
प्रखंड प्रमुख रामदेव हेम्ब्रम ने कहा कि ‘युवाओं को ठगना और प्रताड़ित करना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा’।