पुरी : रविवार की सुबह श्रद्धा का उत्सव मातम में बदल गया, जब ओडिशा के पुरी शहर में श्रीगुंडिचा मंदिर के पास रथयात्रा के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ जैसी स्थिति में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई। मृतकों की पहचान बसंती साहू, प्रेमकांत मोहंती और पार्वती दास के रूप में हुई है। वहीं, 100 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
क्या हुआ था सुबह पुरी में
रविवार तड़के लगभग 4 बजे बड़ी संख्या में श्रद्धालु गुंडिचा मंदिर के सामने तीनों रथों पर विराजमान चतुर्थ विग्रहों के दर्शन करने पहुंचे थे। दर्शन के लिए उमड़ी हजारों की भीड़ को नियंत्रित करना प्रशासन के लिए मुश्किल हो गया। जब श्रद्धालुओं ने एक साथ आगे बढ़ने की कोशिश की, तब भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। कहा जा रहा है कि घटना के समय कोई भी वरीय पदाधिकारी मौजूद नहीं थे, जिसके कारण स्थिति और अनियंत्रित हो गई।
Rath Yatra Stampede : प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
हादसे के बाद स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि:
- ट्रैफिक पुलिस अपने सीमित कार्य में लगी थी लेकिन मंदिर परिसर के सामने की भीड़ को नियंत्रण में लेने की कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई।
- रथयात्रा के पहले दिन कई श्रद्धालु दर्शन नहीं कर पाए थे, जिससे यह पहले से अनुमानित था कि रविवार सुबह भीड़ अधिक होगी।
- इसके बावजूद सुरक्षा घेरा, बैरिकेडिंग और भीड़ नियंत्रण तंत्र नाकाफी रहे।
Rath Yatra Stampede : घायलों का इलाज जारी, अस्पतालों में अफरा-तफरी
घायल श्रद्धालुओं को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। कुछ स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाएं और चिकित्सक मौके पर पहुंचकर प्राथमिक उपचार में जुटे हैं।
रथयात्रा का धार्मिक महत्व
पुरी रथयात्रा देश के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। इसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के विग्रह रथों पर विराजमान होकर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। शनिवार को तीनों रथ शरधाली पहुंच चुके थे और दर्शन के लिए भक्त रातभर जुटे रहे। रविवार दोपहर चार बजे चतुर्धा विग्रहों को मंदिर में स्थापित किया जाना था, इसी से पहले यह हादसा हुआ।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
अब तक राज्य सरकार या संबंधित पुलिस विभाग की ओर से कोई विस्तृत आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। वहीं, स्थानीय सामाजिक संगठनों और कई नागरिकों ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
क्या सवालों के घेरे में है व्यवस्था
- क्या प्रशासन को पहले से भीड़ का अंदाजा नहीं था।
- क्या इतने बड़े आयोजन में शीर्ष अधिकारी की गैरमौजूदगी उचित थी।
- क्या श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पूरे साल तैयारी होती है या बस रस्म अदायगी।
- इन सवालों के जवाब जानना अब जरूरी भी है और जिम्मेदारी भी।
Read Also- पुरी रथयात्रा में हादसा, एक श्रद्धालु की मौत, 400 से अधिक घायल