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झारखंड में तेजी से फैल रही ‘जय बांग्ला’, लक्षण देख आप भी डर जाएंगे

by Rakesh Pandey
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हेल्थ डेस्क, रांची : झारखंड के विभिन्न जिलों में इन दिनों ‘जय बांग्ला’ के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीमारी का नाम सुनकर भले ही आप चौंक गए होंगे लेकिन यह कोई नया बीमारी नहीं है।

क्या है ‘जय बांग्ला’, कैसे पड़ा नाम
जमशेदपुर आई हास्पिटल के उपाधीक्षक डा. एसी जखनवाल बताते हैं कि शहर में इन दिनों कंजंक्टिवाइटिस के मरीज काफी बढ़ गए हैं। जिसे आम भाषा में ‘जय बांग्ला’ कहते हैं। अब आपके मन में सवाल आता होगा कि यह जय बांग्ला क्या है? डा. एसपी जखनवाल बताते हैं कि जब बंगलादेश पर वार हुआ था तब यह बीमारी काफी तेजी से फैली।

तब इसे महामारी घोषित किया गया। उस दौरान काफी संख्या में शरणार्थी इस बीमारी को लेकर भारत में भी आ गए। यह बीमारी यहां भी फैल गई। इसी कारण से इसका नाम ‘जय बांग्ला’ पड़ गया। हालांकि, मेडिकल भाषा में इसे कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं।

20 प्रतिशत लोग इस बीमारी की चपेट में
जमशेदपुर के विभिन्न अस्पतालों का आंकड़ा देखा जाए तो इसके मरीज काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रतिदिन 50 से 60 कंजंक्टिवाइटिस के मरीज ओपीडी में आ रहे है जो की सामान्य दिनों से 10 गुना ज्यादा है। इस बीमारी से ज्यादातर स्कूली बच्चे संक्रमित हो रहे हैं। उनके माध्यम से परिवार के सारे सदस्यों को ये बीमारी हो रही है।

क्या है इस बीमारी के फैलने का कारण ?
इस बीमारी का इतनी तेजी से फैलने का कारण इसका वायरल नेचर है। अभी जो कंजक्टिविटिस हो रही है इसका कारण एडिनोवायरस का नया स्ट्रेन है जो की काफी तेजी से लोगो को संक्रमित कर रहा है। ज्यादा तर लोगो को वायरल कंजंक्टिवाइटिस हो रहा है लेकिन कुछ लोगो में सेकेंडरी इन्फेक्शन (बैक्टीरियल) होने से बीमारी की गंभीरता बढ़ जाती है। खासकर के बच्चों के आंखों में मेम्ब्रेन फार्मेशन (एक तरह की परत जम जाता है) होने से ये बीमारी काफी दिनों तक परेशान करती है।

इसके लक्षण क्या है?
– आंखों का लाल होना
– आंखों से लगातार पानी आना
– आंखों में सूजन होना
– आंखों में बार बार डिस्चार्ज आना
– आंखों में जलन,चुभन,खुजली,तेज दर्द होना।

क्या है उपाय?
नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. साकेत कुमार कहते हैं कि इसका लक्षण सामने आने के बाद किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह ले कर ही कोई आई ड्रॉप का इस्तेमाल करे। कई बार ये बीमारी कॉर्निया को प्रभावित कर देती है और गलत ड्रॉप इस्तेमाल करने से आंखों को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है। सही इलाज से ज्यादातर मरीज सात दिनों में ठीक हो जाते है।

बचाव कैसे करें
– साफ-सफाई का ध्यान रखें।
– संक्रमित मरीज से दूरी बना कर रहें।
– हाथों को साबुन से ड्रॉप डालने से पहले और बाद धोएं।
– संक्रमित व्यक्ति के पर्सनल चीजें अलग रखे। जैसे तौलिया,रुमाल,तकिया इत्यादि।
– आंखों को बार बार न खुजलाएं।
– बरसात में भीगने से बचे।
– स्विमिंग कुछ दिनों के लिए रोक दे।
– भीड़-भाड़ वाले जगह में जाने परहेज करें।

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