नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपने दूसरे कार्यकाल से पहले भारतीय-अमेरिकी प्रोफेसर जय भट्टाचार्य (Jay Bhattacharya) को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। जय भट्टाचार्य को अब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के निदेशक के रूप में नॉमिनेट किया गया है। यह कदम ट्रंप द्वारा भारतीय समुदाय के प्रति बढ़ते विश्वास को दर्शाता है, क्योंकि जय भट्टाचार्य इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी व्यक्ति बन गए हैं।
जय भट्टाचार्य कौन हैं
जय भट्टाचार्य का जन्म 1968 में कोलकाता में हुआ था और उन्होंने अपनी शिक्षा स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। स्टैनफोर्ड में इकोनॉमिक्स में एमडी और पीएचडी करने के बाद, वह वर्तमान में विश्वविद्यालय के चिकित्सा, अर्थशास्त्र और स्वास्थ्य अनुसंधान नीति विभाग में प्रोफेसर हैं। इसके अलावा, वह स्टैनफोर्ड सेंटर फॉर डेमोग्राफी एंड इकोनॉमिक्स ऑफ हेल्थ एंड एजिंग के निदेशक भी हैं। उनका शोध मुख्य रूप से स्वास्थ्य देखभाल के अर्थशास्त्र पर केंद्रित है, और वह स्वास्थ्य नीतियों में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं।
कोरोना के दौरान सुर्खियों में आए थे जय भट्टाचार्य
कोरोना महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया में लॉकडाउन लगाए गए थे, तब जय भट्टाचार्य ने इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी। उनका मानना था कि लॉकडाउन से अधिक नुकसान होगा और यह लोगों की मानसिक और शारीरिक सेहत पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। 2020 और 2021 में, जब अमेरिका में लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही थी, तब उन्होंने इसके बजाय संक्रमण को नियंत्रित करने के अन्य उपायों की वकालत की थी। उनकी यह विचारधारा वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय में एक गंभीर चर्चा का विषय बनी थी और इस समय उनकी उपस्थिति ने उन्हें एक प्रमुख सार्वजनिक आवाज बना दिया था।
डोनाल्ड ट्रंप का विश्वास
डोनाल्ड ट्रंप ने जय भट्टाचार्य को NIH के निदेशक के रूप में नॉमिनेट करते हुए कहा, ‘मैं जय भट्टाचार्य, एम.डी., पीएच.डी. को एनआईएच के निदेशक के रूप में नियुक्त करने पर बहुत खुश हूं। डॉ. भट्टाचार्य रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के साथ मिलकर अमेरिका के चिकित्सा अनुसंधान की दिशा में मार्गदर्शन करेंगे और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए काम करेंगे। उनके नेतृत्व में महत्वपूर्ण खोजों को बढ़ावा मिलेगा जो जीवन बचाने में मददगार साबित होंगी’।
यह नियुक्ति न केवल जय भट्टाचार्य के कॅरियर के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय समुदाय के प्रति बढ़ते विश्वास का प्रतीक भी है। इससे पहले, ट्रंप ने विवेक रामास्वामी को अमेरिकी सरकार के दक्षता विभाग का नेतृत्व करने के लिए चुना था और अब जय भट्टाचार्य को NIH के डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है।
जय भट्टाचार्य की नियुक्ति का महत्व
जय भट्टाचार्य की नियुक्ति को एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, क्योंकि यह उनके शोध कार्यों और स्वास्थ्य नीतियों में सुधार लाने के प्रति उनके समर्पण को मान्यता देता है। उनका कार्य केवल अकादमिक दुनिया तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि उन्होंने महामारी के दौरान अपनी स्थिति का उपयोग करके महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी आवाज उठाई। यह नियुक्ति एक नई दिशा को प्रदर्शित करती है, जिसमें अर्थशास्त्र, स्वास्थ्य नीति और चिकित्सा शोध को एकजुट कर समाज के लिए वास्तविक सुधार लाने की कोशिश की जाएगी।
क्या बदलने की उम्मीद है
जैसे-जैसे ट्रंप की टीम अपने नए कार्यकाल की तैयारी कर रही है, यह उम्मीद जताई जा रही है कि जय भट्टाचार्य और उनके सहयोगी, रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के साथ मिलकर, अमेरिका के स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य में सुधार करना और महत्वपूर्ण चिकित्सा खोजों को बढ़ावा देना होगा। इसके अलावा, ट्रंप की टीम ने स्वास्थ्य देखभाल, चिकित्सा अनुसंधान और महामारी से संबंधित नीति निर्धारण में तेजी से सुधार लाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं।
ट्रंप की टीम में और बदलाव
इसके अलावा, डोनाल्ड ट्रंप ने जैमीसन ग्रीर को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (U.S. Trade Representative) के रूप में नियुक्त किया और केविन ए. हैसेट को व्हाइट हाउस राष्ट्रीय आर्थिक परिषद का निदेशक नियुक्त किया। ट्रंप के इन फैसलों से साफ है कि वह प्रोफेशनल और सक्षम लोगों को प्रशासनिक जिम्मेदारियां सौंप रहे हैं, ताकि अर्थव्यवस्था, व्यापार और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सशक्त नेतृत्व प्रदान किया जा सके।
जय भट्टाचार्य की नियुक्ति न केवल उनके व्यक्तिगत कॅरियर के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, बल्कि यह भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए भी गर्व का विषय है, जो अमेरिकी राजनीति और प्रशासन में अपनी मजबूत उपस्थिति को प्रदर्शित करता है।
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