Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले (जमशेदपुर) में 18 स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति सवालों के घेरे में आ गई है। राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं। विभाग ने कोल्हान प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक को इस मामले की निष्पक्ष जांच व नियमानुसार कार्रवाई कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
बीएड डिग्री पूरी नहीं होने का आरोप
विभाग की ओर से क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक को भेजे गए पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सीजीटीटीसीई (CGTTCE) 2016 सत्र 2015-2017 के अभ्यर्थियों की बीएड (Bachelor of Education) की डिग्री 25 अप्रैल 2017 तक पूरी नहीं हुई थी। इसके बावजूद पूर्वी सिंहभूम जिला स्तरीय माध्यमिक शिक्षा स्थापना समिति द्वारा इन 18 शिक्षकों की नियुक्ति की गई। विभाग ने अपने आदेश पत्र के साथ शिकायतकर्ता के पत्र की प्रतिलिपि भी संलग्न की है। प्रतिलिपि में उन 18 शिक्षकों के नामों का उल्लेख है, जिनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए गए हैं।
शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
बता दें कि इस संबंध में जमशेदपुर के पारडीह निवासी कार्तिक चंद्र साव ने हाल ही में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू से लिखित शिकायत की थी। शिकायत में उन्होंने इन नियुक्तियों में अनियमितता का आरोप लगाया था। विधायक पूर्णिमा साहू ने भी इस मुद्दे को झारखंड विधानसभा में उठाने का आश्वासन दिया है। वहीं, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस शिकायत पर त्वरित संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश जारी कर दिया है। विभाग की ओर से इस आदेश पत्र की प्रतिलिपि जिले के उपायुक्त और शिकायतकर्ता कार्तिक चंद्र साव को भी भेजी गई है।
इन शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप
आभा सिन्हा, दिलीप कुमार दास, ख्याली मंडल, रुमिता रानी घोष, बेबी पात्रा, अर्चना कुमारी, मोनालिशा महापात्रा, महुआ कर, सत्यवती सिंह, दुलानी हांसदा, उपेंद्र बेसरा, देबगोपाल साव, राजू घोष, सुशील कुमार गिरि, रुपक कुमार साव, मनोरंजन रजक, सत्यरंजन शीट, मिहिर कुमार मुंडा।