जमशेदपुर: भगवान बिरसा मुंडा की पुण्य तिथि के अवसर पर आज बिरसा मुंडा कम्पिटीशन अकादमी, एलबीएसएम कॉलेज द्वारा महाविद्यालय के वर्चुअल सभागार में उन्हें याद किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि घाटशिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरके चौधरी ने कहा कि बिरसा मुंडा हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानी थे। महात्मा गांधी के राजनीतिक परिदृश्य पर आने से पूर्व उन्होेंने अंग्रेजों को जबर्दस्त चुनौती दिया। आजादी के आंदोलन में आदिवासियों की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण रही है। बिरसा मुंडा के ‘उलगुलान’ ने उनके बाद के क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणा का कार्य किया। ब्रिटिश हुकूमत की साजिशों और निर्ममता के कारण वे कारागार में ही शहीद हो गए। लेकिन आज आदिवासी जनसमुदाय उन्हें ‘धरती आबा’ और भगवान का दर्जा देता है। उनसे शक्ति ग्रहण करता है। वे अन्याय-अत्याचार-शोषण और गुलामी के विरुद्ध प्रतिरोध के प्रतीक हैं। हमारे छात्रों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एलबीएसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ .अशोक कुमार झा ‘अविचल’ ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने जहां एक ओर ब्रिटिश साम्राज्यवादी शक्तियों और महाजनों के शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी वहीं दूसरी ओर अपने समाज के भीतर मौजूद नशे की प्रवृत्ति को भी दूर करने का प्रयास किया। नशे की समस्या आज भी है। उन्होंने बताया कि बिरसा मुंडा कम्पिटीशन अकादमी जैसे प्रयोग के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए एलबीएसएम कॉलेज में चुने हुए 50 विद्यार्थियों को कैट की तैयारी तथा कॉमर्स और संथाली विषय के विद्यार्थियों के नेट की तैयारी करवायी जाएगी। स्वागत वक्तव्य भूगोल विभाग के डॉ. संतोष कुमार ने दिया। कार्यक्रम का संचालन कॉमर्स विभाग के प्रो. विनोद कुमार ने किया।
JAMSHEDPUR : एलबीएसएम कॉलेज में 50 विद्यार्थियाें काे कैट की तथा संथाली व कामर्स के छात्राें की नेट की तैयारी करायी जाएगी
written by Rakesh Pandey
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Rakesh Pandey
प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में 17 वर्षों से ज्यादा समय से सक्रिय. जर्नलिज्म में डिग्री। 2002 में सन्मार्ग, सलाम दुनिया, प्रभात खबर, ईटीवी और सूत्रकार में काम करने का अनुभव. हेल्थ, खेल और जनरल विषयों पर रिपोर्टिंग और डेस्क का काम. संगीत, रंगकर्म और लोक संस्कृति में दिलचस्पी
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