

Jamshedpur (Jharkhand): जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ की महत्वपूर्ण बैठक स्थानीय सुवर्णरेखा ऑडिटोरियम में आयोजित की गई। बैठक की शुरुआत राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। इसके बाद संगठन की दिशा और भविष्य की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई।

संगठन की विचारधारा : समानता और न्याय
बैठक का संचालन करते हुए संगठन के उपाध्यक्ष चैतन्य शिरोमणि ने कहा कि किसी भी संगठन की मजबूती उसकी विचारधारा पर आधारित होती है। उन्होंने जोर दिया कि कर्मचारियों को एक ऐसी विचारधारा अपनानी चाहिए, जिसमें समानता, न्याय, गरिमा, सम्मान और भाईचारा शामिल हो।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी सहकर्मी का शोषण या अपमान होता है, तो संगठन सामूहिक रूप से उसके खिलाफ आवाज बुलंद करेगा।

पारदर्शिता और संघर्ष की अपील
शिरोमणि ने संगठन के बैनर, मोहर, लेटर पैड और बैंक डिटेल्स प्रस्तुत करते हुए कहा कि संगठन में पारदर्शिता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि फिक्सेशन, वेतन और पेंशन जैसे मामलों में कर्मचारियों को समय पर सुविधा मिलनी चाहिए। इसके लिए सभी सदस्यों को शिक्षित, जागरूक और संघर्षशील बनना होगा।
ACP/MACP पर साझा लड़ाई
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि संगठन, झारखंड विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के साथ मिलकर ACP/MACP की मांग को लेकर संघर्ष जारी रखेगा। इसके साथ ही हर तरह के शोषण, उत्पीड़न और गैर-बराबरी को खत्म करने के लिए एकजुट होकर लड़ाई लड़ने पर जोर दिया गया।
संगठन के पदाधिकारियों के विचार
बैठक में संगठन की सचिव सीमा तिर्की, कोषाध्यक्ष लक्ष्मी जाल और अध्यक्ष गंगाधर नाग ने भी अपने विचार रखते हुए कर्मचारियों को एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील की।
बैठक का समापन “शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ जिंदाबाद” के उदघोष के साथ हुआ।
