Jamshedpur : पूर्वी सिंहभूम जिले में पथ निर्माण विभाग की 18 सड़कों का काम अटक गया है। इन सड़कों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि इन सड़कों के निर्माण के लिए जिन रैयतों की जमीन ली गई हैं, उनका भुगतान नहीं हो पाया है। डीसी कर्ण सत्यार्थी ने मंगलवार को आदेश दिया कि मिशन मोड में कैंप लगाकर रैयतों को मुआवजे का भुगतान किया जाए।
जमशेदपुर के डीसी दफ्तर के सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में ज़िले में चल रही भू-अर्जन और पथ निर्माण से जुड़ी विकास परियोजनाओं की गहन समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में विशेष रूप से एनएचएआई की फोरलेन एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना (पारडीह काली मंदिर से डिमना चौक होते हुए बालिगुमा तक) की प्रगति पर चर्चा की गई। इस परियोजना को गति देने के लिए विद्युत तार, जलापूर्ति पाइपलाइन, गैस पाइपलाइन जैसी यूटिलिटी शिफ्टिंग और एफआरए (Forest Rights Act) से संबंधित कार्यों में विभागीय समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए।
पथ निर्माण विभाग की कुल 18 परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान यह जानकारी दी गई कि 10 परियोजनाओं में रैयतों को मुआवजा देने की प्रक्रिया प्रगति पर है, जबकि शेष 8 में भुगतान प्रक्रियाधीन है।उपायुक्त ने रैयतों को मुआवजा त्वरित रूप से प्रदान करने हेतु “कैम्प मोड” में भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि ग्रामीणों को पूर्व सूचना देकर ऐसे शिविरों का आयोजन किया जाए, जिससे सभी रैयत निर्धारित तिथि पर उपस्थित होकर अपना मुआवजा प्राप्त कर सकें।बैठक में बुड़ामारा से चाकुलिया तक प्रस्तावित रेललाइन परियोजना के तहत आरओबी निर्माण पर भी विचार हुआ।
उपायुक्त ने संबंधित एजेंसियों को इस दिशा में आवश्यक समन्वय के साथ कार्य करने का निर्देश दिया।समीक्षा के अंत में उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि भू-अर्जन, मुआवजा वितरण, यूटिलिटी शिफ्टिंग और एफआरए से जुड़े मामलों में सभी विभाग आपसी तालमेल के साथ कार्य करें, ताकि ज़िले में चल रही विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में कोई अड़चन न आए। मीटिंग में एडीसी भगीरथ प्रसाद, डीटीओ, जेएनएसी के उप नगर आयुक्त, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, संबंधित अंचल अधिकारी, एनएचएआई, पथ निर्माण विभाग, रेलवे सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।