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Jamshedpur News : संवाद 2025 का तीसरा दिन; आदिवासी कला व हस्तशिल्प के उत्सव की रही धूम

Jamshedpur News : सौरव रॉय ने कहा कि संवाद जैसे कार्यक्रम यह साबित करते हैं कि विकास, आदिवासी समुदायों के पारंपरिक ज्ञान से सीखकर ही संभव है।

by Mujtaba Haider Rizvi
Tribal art and handicraft exhibition at Samvad 2025 in Jamshedpur on the third day of the cultural festival
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Jamshedpur : संवाद 2025 का तीसरा दिन समुदाय-आधारित नेतृत्व, सहयोग और आदिवासी परंपराओं की समृद्ध विरासत को नए आयाम देने वाला साबित हुआ। देश भर से जुटे जनजातीय परिवर्तन-निर्माताओं ने कला, उपचार पद्धतियों, सामाजिक अभिशासन और फिल्म निर्माण जैसे विविध क्षेत्रों में अनुभव और ज्ञान साझा किया।

कला, उपचार और अभिशासन पर प्रेरक सत्र

सुबह के सत्रों में आदिवासी कला और हस्तशिल्प के व्यवसायिक पहलुओं पर चर्चा हुई। पारंपरिक उपचार पद्धतियों से जुड़े प्रतिभागियों ने अपनी विशिष्ट निदान तकनीकों और सामुदायिक उपचार परंपराओं को सामने रखा।

अखड़ा-चर्चा में आदिवासी सामाजिक अभिशासन प्रणालियों को मुख्यधारा के विकास मॉडल से जोड़ने पर विचार हुआ, जबकि समुदाय के साथ मंच पर उभरते फिल्मकारों को प्रेरित करने वाली कहानियों ने उपस्थित लोगों को नया दृष्टिकोण दिया।

आदिवासी व्यंजनों को वैश्विक पहचान देने के लिए 5 साल का करार

कार्यक्रम के तीसरे दिन का सबसे अहम क्षण रहा टाटा स्टील फाउंडेशन और द इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) के बीच पाँच वर्षीय नवीनीकृत एमओयू पर हस्ताक्षर।

टाटा स्टील फाउंडेशन के सीईओ सौरव रॉय और IHCL के वाइस प्रेसिडेंट सिरीशा चंदना की मौजूदगी में हुए इस हस्ताक्षर का उद्देश्य Tribal Cuisines पहल को और सशक्त करना है।

2017 से चल रही इस पहल से अब तक 21 क्षेत्रों की 52 जनजातियों के 440 आदिवासी होम कुक्स जुड़े हैं। नई साझेदारी तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगी-

  • स्किल डेवलपमेंट और कैपेसिटी बिल्डिंग
  • आदिवासी व्यंजन को मुख्यधारा में लाना
  • पाक कला की कहानी और दस्तावेज़ीकरण

सौरव रॉय ने कहा कि संवाद जैसे कार्यक्रम यह साबित करते हैं कि विकास, आदिवासी समुदायों के पारंपरिक ज्ञान से सीखकर ही संभव है।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से गूँजा संवाद परिसर

गारो, कूकी और कंधान जनजातियों की रंगारंग प्रस्तुतियों ने वातावरण को जीवंत कर दिया।
खासी हिल्स का लोकप्रिय समरसोल्ट बैंड और कलाकार गरिमा एक्का तथा अर्जुन लकड़ा के मनमोहक प्रदर्शन ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

फूड पॉप-अप और प्रदर्शनी बनी भीड़ का केंद्र

  • गोपाल मैदान में लगे आदिवासी कला, हस्तशिल्प और पारंपरिक उपचार के स्टॉल्स को जबरदस्त सराहना मिली।
  • आदिवासी व्यंजनों के फूड पॉप-अप पर लोगों की बड़ी संख्या में आवाजाही जारी रही।
  • यह पॉप-अप रोज़ाना 3:00 PM से 9:00 PM तक खुला रहेगा और व्यंजन Zomato पर भी उपलब्ध हैं।

अभी दो दिन औरकला, संस्कृति और समुदाय का संगम

संवाद 2025 अगले दो दिनों तक इसी ऊर्जा और उत्साह के साथ जारी रहेगा, जहां हज़ारों लोग आदिवासी पहचान, साझा ज्ञान और झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाएंगे।

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