जमशेदपुर: दुर्गापूजा पूरे झारखंड में धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर जशेदपुर में इसकी रौनक देखने लायक होती है। इस बार नवरात्र की शुरुआत 15 अक्टूबर से हो रही है। ऐसे में शहर के अलग अलग क्षेत्रों में भव्य पूजा पंडाल बनाने का काम चल रहा है। जहां मांग की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। शहर में करीब 300 से अधिक जगहों पर पूजा पंडाल बनाए जा रहे हैं। इसमें कई बहुत बड़े व आकर्षक हैं। ये पूजा पंडाल अलग अलग थीम पर आधारित हैं। जिसमें बंगाल के कारीगर अंतिम रूप देते हैं। कहीं केदार नाथ मंदिर, क्षत्रपति शिवाजी पैलेस तो कहीं नेपाल के बौध मंदिर के आकार का पूजा पंडाल बनाया जा रहा है। ऐसे में हम कुछ प्रमुख पूजा पंडाल के बारे में बता रहे हैं।
सिदगोड़ा दुर्गापूजा पंडाल:
जमशेदपुर के सिदगोड़ा में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भव्य पूजा पंडाल बनाया जा रहा है। करीब 10 लाख रुपए की लागत से बनने वाले इस पूजा पंडाल का थीम इस बार क्षत्रपति शिवाजी पैलेश है। जिसमें मांग विराजमान होंगी। इस पंडला का 70 प्रतिशत काम पूरा हो गया और अब यह आकार लेने लगा है। यहां भव्य मेला भी लगेगा।
आदित्यपुर दुर्गापूजा पंडाल:
जमशेदपुर का सबसे बड़ा पूजा पंडाल आदित्यपुर में बनता है। यही वजह है कि सबसे अधिक लोग इस पूजा पंडाल को देखने जाते हैं। इस बार इस पंडाल का थीम जंगल बुक है। इसमें कुल तीन मंदिर होगा। यह पूजा पंडाल नवरात्रि के पहले दिन से ही लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके निर्माण का 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया। इस पर करीब 50 लाख रुपए खर्च हुए हैं।

आदित्यपुर दुर्गा पूजा पंडाल
काशीडीह दुर्गापूजा पंडाल:
शहर के सबसे मशहूर पूजा पंडाल में से एक काशीडीह में इस बार प्रकृति पर आधरित पूजा पंडाल बनाया जा रहा है। जिसमें एक बड़े पेड़ के नीचे मां विराजमान होंगी। इसकी खासियत यह है कि इसको बनाने में अधिकतर कागज का यूज किया जा रहा है। यहां भव्य मेला भी लगेगा। जिसमें कई प्रकार के झूले होंगे।
एग्रीको दुर्गापूजा पंडाल:
हर बार की तरह इस बार भी एग्रीको क्लब मैदान में भव्य दुर्गापूजा पंडाल बनाया जा रहा है। इसका थीम हिमांचल प्रदेश के शिव मंदिर के आकार का बनाया जा रहा है। यह पंडाल अब आकार लेने लगा है।

एग्रीको दुर्गा पूजा
रंकिणी मंदिर पूजा पंडाल:
कदमा स्थित रंकिणी मंदिर के सामने बन रहे पूजा पंडाल का थी दार्जलिंग पर आधरित है। यह पूरी तरह से देशके इस पहाड़ी शहर को दर्शते हुए बनाया जा रहा है। जिसमें मां विराजमान होंगी। इस पंडाल का 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है