पलामू : डुमरी के निर्दलीय विधायक जयराम महतो ने शनिवार को पलामू परिसदन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बोकारो SP से हुई एक गोपनीय बातचीत को सार्वजनिक कर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि यह बातचीत बोकारो गोलीबारी कांड के बाद हुई थी, जब वे मौके पर पहुंचे थे।
गोपनीय बातचीत का खुलासा: हमें सरकार का पक्ष रखना पड़ता है
विधायक ने बताया कि तत्कालीन बोकारो एसपी से मुलाकात के दौरान स्पष्ट रूप से कहा था कि हमें सरकार का पक्ष रखना पड़ता है, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो बड़ा बाबू को वहां जाना चाहिए था। इतना डरपोक नहीं होना चाहिए था। विधायक ने बताया कि चूंकि अब उस एसपी का तबादला हो चुका है, इसलिए वे इस संवेदनशील बातचीत को सार्वजनिक कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया में एसपी ने कुछ और कहा, लेकिन व्यक्तिगत बातचीत में उन्होंने सच्चाई साझा की थी।
खनन क्षेत्र में पुलिस की भूमिका पर आरोप
जयराम महतो ने बोकारो क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इंस्पेक्टर बैलगाड़ी की तरह बालू और कोयले की गाड़ियों को हांकते हैं।
उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की और कहा कि एक विधायक होने के नाते वे लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं।
पलामू को उपराजधानी बनाने की मांग
विधायक जयराम महतो ने राज्य सरकार से यह भी मांग की कि पलामू को झारखंड की उपराजधानी घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह चुनावी घोषणा भी थी और सरकार को अब इस पर कार्य करना चाहिए।
स्थानीय नीति और संपत्ति खरीद पर विचार
पूर्वोत्तर राज्यों का उदाहरण देते हुए महतो ने कहा कि वहां के निवासियों को ही संपत्ति खरीदने का अधिकार है, बाहरी लोग केवल कार्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड में स्थानीय नीति अब तक स्पष्ट नहीं है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि राज्य के सभी 81 विधायक, लोकसभा और राज्यसभा सांसद मिलकर प्रधानमंत्री से मिलें और इस पर मार्गदर्शन लें।