रांची : झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने राज्य भर में बिजली चोरी रोकने की पहल के तहत मार्च महीने में 5,157 लोगों के खिलाफ बिजली चोरी मामले में एफआईआर दर्ज कराई है। मुख्यालय की एंटी-पावर थेफ्ट (एपीटी) इकाई के नेतृत्व में जेबीवीएनएल ने इस महीने में आठ बार राज्यव्यापी छापेमारी की। अभियान के दौरान क्षेत्रीय और मुख्यालय स्तर के अधिकारियों की 119 टीमों ने बिजली चोरी के संदिग्ध 31511 परिसरों में छापेमारी की। इनमें से 5157 बिजली चोरी के मामले चिन्हित किए गए। इसके बाद भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 के तहत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। जेबीवीएनएल के अधिकारियों ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य न केवल घाटे की भरपाई करना है, बल्कि भविष्य में उल्लंघन को रोकना भी है।
जेबीवीएनएल के एंटी पावर थेफ्ट के महाप्रबंधक श्रवण कुमार ने कहा कि यह पहल बिजली चोरी के खिलाफ कानूनी उपायों को सुदृढ़ करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। गहन जांच के बाद बिजली के बड़े पैमाने पर अनधिकृत उपयोग का पता चलने के बाद एफआईआर दर्ज की गई। जिससे कंपनी को कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा गया।
वॉट्सएप से दें बिजली चोरी की सूचना
जेबीवीएनएल ने लोगों से आग्रह किया है कि वे वाट्सएप या एसएमएस के माध्यम से महाप्रबंधक (एपीटी) को 94311-35515 पर सूचना देकर बिजली चोरी को रोकने में सहायता करें। सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। निगम नागरिकों से अपील करता है कि वे पूरे राज्य में निर्बाध और निष्पक्ष बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ऐसे प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लें।
रांची में 465 प्राथमिकियां
रांची में कुल 4039 जगहों पर छापे मारे गए, जिसके परिणामस्वरूप 465 एफआईआर दर्ज की गईं। इनकी अनुमानित जुर्माना राशि 60.81 लाख रुपये है। जमशेदपुर में 3,316 छापे और 408 एफआईआर दर्ज किए गए। इससे 56.60 लाख रुपये का मूल्यांकन हुआ। वहीं धनबाद में 3,101 जगहों पर छापा के बाद 326 एफआईआर दर्ज किए गए। चाईबासा में 3,381 छापे और 271 एफआईआर दर्ज किए गए।
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