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JDU leader Kaushal Singh murder case exposed : भतीजे व महिला समेत तीन गिरफ्तार, 8 दिन तक की गई थी रेकी

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया था। एसडीपीओ के नेतृत्व में इस टीम ने गुप्त सूचना और तकनीकी निगरानी के आधार पर आरोपियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की।

by Rakesh Pandey
Arresting
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खगड़िया : राज्य की राजनीति में उस समय हलचल मच गई थी जब 9 अप्रैल को खगड़िया के चौथम थाना क्षेत्र के कैथी गांव में जेडीयू नेता और विधायक पन्ना लाल पटेल के भांजे कौशल सिंह की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। अब इस चर्चित हत्याकांड का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस हत्या में मृतक के भतीजे की ही संलिप्तता सामने आई है। पुलिस ने महिला समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

गुप्त सूचना पर कार्रवाई, तीन गिरफ्तार

खगड़िया के एसपी राकेश कुमार ने बताया कि मामले में आशीष कुमार, रितेश कुमार और राजकुमारी देवी को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से आशीष और रितेश को लखीसराय जिले से पकड़ा गया, जहां वे एक रिश्तेदार के घर छिपे हुए थे। महिला आरोपी राजकुमारी देवी, जो आशीष की मां है, को चौथम थाना क्षेत्र के मेदनीनगर गांव से गिरफ्तार किया गया।

इनकी हुई गिरफ्तारी:

राजकुमारी देवी – बिजल सिंह की पत्नी

आशीष कुमार – राजकुमारी देवी का पुत्र

रितेश कुमार – राजेश दास का पुत्र

एसआईटी की त्वरित कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया था। एसडीपीओ के नेतृत्व में इस टीम ने गुप्त सूचना और तकनीकी निगरानी के आधार पर यह गिरफ्तारी की। केस चौथम थाना कांड संख्या 90/25 के तहत दर्ज किया गया था।

बाइक से गिराया, फिर मार दी थी गोली

घटना के दिन कौशल सिंह अपनी पत्नी के साथ बाइक से जा रहे थे। तभी तीन बाइक सवार बदमाशों ने उनकी बाइक को टक्कर मारी। जैसे ही बाइक गिरी, बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। गोली लगने से कौशल सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
पत्नी की शिकायत पर दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि यह सब सोची-समझी साजिश थी और पहले से रेकी की जा रही थी।

परिवार में ही छिपा था हत्यारा: भतीजे पर लगा आरोप

इस हत्याकांड में सबसे चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब जांच के दौरान मृतक के ही भतीजे आशीष कुमार पर हत्या का आरोप सामने आया। पुलिस के अनुसार, पारिवारिक विवाद इस हत्या की मुख्य वजह माना जा रहा है, हालांकि जांच अभी जारी है।
एसपी राकेश कुमार ने बताया, “आरोपियों ने घटना को अंजाम देने से पहले करीब 8 दिनों तक कौशल सिंह की रेकी की थी। उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी और सही समय देख कर हमले को अंजाम दिया गया।”

पनाह देनेवालों पर भी होगी कार्रवाई

एसपी ने यह भी कहा कि जिन लोगों ने आरोपियों को पनाह दी, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि मृतक के भाई और उनके दो बेटों को भी अभियुक्त बनाया गया है।

राजनीति में सनसनी, कानून व्यवस्था पर फिर सवाल

एक राजनीतिक परिवार के भीतर ही इस तरह की रंजिश और हत्या ने न सिर्फ पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है, बल्कि कानून व्यवस्था को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सत्ताधारी पार्टी के नेता की हत्या और उसमें उसके ही रिश्तेदारों की संलिप्तता, बिहार की राजनीति और समाज में फैले पारिवारिक तनाव और आपराधिक सोच को उजागर करता है। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि पुलिस इस केस को कितनी पारदर्शिता और गंभीरता से आगे बढ़ाती है और क्या इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को न्याय के कटघरे तक पहुंचा पाती है या नहीं।

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