नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम मामले में निर्णय लेते हुए, जेईई-एडवांस्ड के अभ्यर्थियों को दिए गए प्रयासों की संख्या को तीन से घटाकर दो करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। यह याचिका न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष पेश की गई।
जेईई-एडवांस्ड में नए नियम को लेकर सवाल
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, “यह मामला आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) प्रवेश परीक्षा से संबंधित है, जिसमें छात्रों को पहले तीन प्रयास दिए जाते थे, लेकिन अब इसे घटाकर दो कर दिया गया है।” इस याचिका को लेकर एक अन्य समान याचिका 10 जनवरी को भी सूचीबद्ध की गई थी, और अदालत ने दोनों मामलों को जोड़ने का निर्देश दिया।
याचिका में क्या है आरोप?
अधिवक्ता संजीत कुमार त्रिवेदी द्वारा दायर की गई इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि जेएबी (संयुक्त प्रवेश बोर्ड) ने अभ्यर्थियों के लिए पात्रता मानदंडों को बिना किसी उचित कारण के “मनमाने” तरीके से बदल दिया है। याचिका में कहा गया है कि 5 नवम्बर 2024 को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह तय किया गया था कि जेईई-एडवांस्ड के लिए प्रयासों की संख्या तीन होगी, लेकिन 18 नवम्बर 2024 को एक और प्रेस विज्ञप्ति में इसे घटाकर दो कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट में आगे की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले पर आगे की सुनवाई 10 जनवरी को होगी, जहां अदालत इस याचिका पर विचार करेगी और फैसला सुनाएगी।
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