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Jharkhand Dilapidated Hostels : जमशेदपुर के आसपास के इन छात्रावासों में अटकी रहती हैं सांसें, जानें किस बात का है डर

कल्याण विभाग के 55 में से चार हॉस्टल बदहाल, एक कंडम घोषित, जांच में हुआ खुलासा

by Mujtaba Haider Rizvi
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Jamshedpur (Jharkhand) : पूर्वी सिंहभूम (East Singhbhum) जिले में कल्याण विभाग के 55 छात्रावासों में से चार छात्रावासों में छात्रों की सांसें अटकी रहती हैं। यहां के छात्रों में हमेशा डर बना रहता है। क्योंकि यह छात्रावास बेहद जर्जर हो गए हैं। इन छात्रावासों में रहने वाले छात्रों की जान सांसत में रहती है। उनकी सांसें अटकी रहती हैं। बारिश होने पर इनकी छत टपकती है, जिससे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में छात्र पढाई नहीं कर पाते। शिकायत के बाद पूर्व डीसी अनन्य मित्तल ने इसकी जांच कराई थी। जांच में यह खुलासा हुआ है। अब इन छात्रावासों की मरम्मत कराई जाएगी।


यह छात्रावास कंडम

इनमें से एक छात्रावास की स्थिति बेहद खराब है। इसे कंडम घोषित कर दिया गया है। यहां छात्रों के रहने की पाबंदी कर दी गई है। जबकि, बाकी तीन छात्रावास मरम्मत के लायक हैं। जो छात्रावास कंडम घोषित किया गया है वह चाकुलिया का केएनजी उच्च विद्यालय का छात्रावास है। इसकी स्थिति बेहद खराब है। जांच में सामने आया है कि यह छात्रावास अब गिरे या तब गिरे। इसलिए इस छात्रावास को गिराने का आदेश हुआ है। इसे ढहा दिया जाएगा। इसके बाद यहां छात्रावास की नई बिल्डिंग बनाई जाएगी।

इन तीन हॉस्टलों की होगी मरम्मत

बहरागोड़ा (Bahragora) के खंडामौदा उच्च विद्यालय का अनुसूचित जनजाति छात्रावास, पोटका (Potka) के मानपुर का उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय छात्रावास और पटमदा (Patamda) के पटमदा डिग्री कॉलेज जल्ला का छात्रावास मरम्मत कराने की स्थिति में है। इन छात्रावासों की मरम्मत कराई जाएगी। जिला कल्याण अधिकारी शंकराचार्य समद ने इस संबंध में जांच रिपोर्ट डीसी को सौंप दी है। जांच के बाद डीसी ने इन हॉस्टलों की मरम्मत के आदेश दिए हैं। इसके बाद कल्याण विभाग ने इन छात्रावासों की मरम्मत की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

तैयार हो रहा है प्राक्कलन

इन छात्रावासों की मरम्मत और निर्माण का प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है। प्राक्कलन जिला कल्याण विभाग (District Welfare Department) के इंजीनियर तैयार कर रहे हैं। मरम्मत का काम जिला कल्याण विभाग ही कराएगा। प्राक्कलन तैयार होने के बाद इसे मंजूरी के लिए विभाग को रांची ( Ranchi) भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसकी मरम्मत का काम होगा। तीन करोड़ रुपये तक का काम जिला कल्याण विभाग कराएगा। अगर प्राक्कलन में छात्रावास के निर्माण में तीन करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे तो यह काम जिला कल्याण विभाग नहीं कराएगा। तब इसे भवन निर्माण विभाग से कराया जाएगा।

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