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JHARKHAND : नाबालिग से दुष्कर्म पर मिली 20 साल सश्रम कारावास की सजा

by Rakesh Pandey
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कोडरमा : नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म के मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय तरुण कुमार की अदालत ने दोषी को 20 साल सश्रम कारवास की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माना नहीं अदा करने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

कोडरमा न्यायालय में पीड़ित नाबालिग ने शिकायत दी थी कि उसके माता-पिता लकड़ी लाने जंगल चले जाते थे। इस दौरान घर में उसे अकेली पाकर डब्लू सिंह उर्फ डेगना चाकू लेकर घर में घुस आता था। इसके बाद चाकू की नोक पर दुष्कर्म करता था। इस तरह उसने कई बार दुष्कर्म किया। इस दौरान वह शादी करने का आश्वासन देता था। साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी देता था। एक दिन उसके माता-पिता ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख लिया और अभियुक्त को पकड़ने का प्रयास किया। हालांकि, वह भाग निकला। इसकी शिकायत उसके माता-पिता से की गई तो उन लोगों ने भी टालमटोल कर दिया और कहा कि जो करना है तुम करो। आरोपित 26 वर्षीय डब्लू सिंह नीरपुर डोमचांच का रहने वाला है।

अदालत ने पोक्सो एक्ट छह के तहत दोषी पाते हुए उसे 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25000 रुपये जुर्माना भी लगाया। वहीं पोक्सो एक्ट चार के तहत दोषी पाते हुए 15 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई, साथ ही 25000 जुर्माना लगाया। जुर्माना की राशि नहीं दिए जाने पर एक वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। वहीं आइपीसी की धारा 504 के तहत दोषी पाते हुए एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा एवं 1000 जुर्माना लगाया गया। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

बता दें कि मामले को लेकर डोमचांच थाना कांड संख्या 11/2020 प्राथमिकी दर्ज हुई थी। अभियोजन का संचालन पीपी पीके मंडल ने किया। इस दौरान कुल आठ गवाहों का परीक्षण कराया गया। लोक अभियोजक ने सुनवाई के दौरान न्यायालय से अभियुक्त को अधिक से अधिक सजा देने का आग्रह किया। वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता आत्मानंद पांडे ने दलीलें पेश की। अदालत ने दोनों पक्षों दलीलें सुनने एवं अभिलेख पर उपस्थित साक्ष्यों का अवलोकन करने के उपरांत अभियुक्त को दोषी पाते हुए सजा मुकर्रर की।

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