रांची : राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने शुक्रवार को नेपाल हाउस में अपनी पहली समीक्षा बैठक में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अब अधिकारी हर हफ्ते दो दिन फील्ड विजिट करेंगे। इसका मकसद है योजनाओं की जमीनी सच्चाई को समझना और उनका आकलन करना। मंत्री ने अधिकारियों को कड़े शब्दों में कहा, “बंद कमरों में बैठने से काम नहीं चलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर देखें कि योजनाओं का लाभ किस तरह से पहुंच रहा है।”
विभागीय चुनौतियों पर चर्चा
बैठक के दौरान विभाग की मौजूदा चुनौतियों की पहचान की गई और उनके समाधान पर चर्चा हुई। इसके साथ ही विभागीय बजट और योजनाओं पर अधिकारियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए। मंत्री ने केंद्र सरकार की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने को भी कहा।
जनता के सुझावों पर ध्यान देने का निर्देश
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जनता के सुझावों को खुले विचारों से सुनें। उन्होंने कहा, “जनसहयोग से ही योजनाओं को सही दिशा मिल सकती है। ग्रामीण हाट-बाजारों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।” मंत्री ने बताया कि जर्जर हाट-बाजारों को सुधारने के लिए राशि आवंटित करने पर सहमति बन चुकी है। इसके अलावा, ब्लॉक स्तर पर योजना कैलेंडर जारी करने का निर्देश दिया गया, जिससे लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ सही तरीके से पहुंचे।
पुराने कोल्ड स्टोरेज होंगे चालू
ग्रामीण क्षेत्रों में पशु बाजार को बढ़ावा देने के लिए विभाग विशेष पहल करेगा। मंत्री ने कहा कि नए कोल्ड स्टोरेज बनाने के बजाय पुराने कोल्ड स्टोरेज को पुनर्जीवित किया जाएगा। इससे किसानों के उत्पाद संरक्षित हो सकेंगे।
आलू खेती और प्रोसेसिंग पर जोर
मंत्री ने झारखंड में किसानों के फसल चयन में बदलाव की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, “राज्य में आलू की खेती के लिए स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट्स की आवश्यकता है। इसके लिए उद्योग विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा।”
मेधा डेयरी को मिलेगा प्रोत्साहन
मंत्री ने मेधा डेयरी के विस्तार पर तेजी से काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के डेयरी किसानों को आर्थिक मजबूती मिलेगी।