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झारखंड AQI: रांची और जमशेदपुर में सुधार, लेकिन मास्क जरूरी, धनबाद की स्थिति और खराब

by The Photon News
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रांची और जमशेदपुर में सुधार, पर सतर्कता जरूरी


झारखंड के प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार के संकेत मिले हैं। रांची का AQI मंगलवार को 172 पर था, जो अब घटकर 127 होने की संभावना है। इसी तरह, जमशेदपुर में भी सुधार देखा गया है, जहां AQI 226 से गिरकर 165 तक पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि, यह स्तर अभी भी सामान्य से ऊपर है, और खुले में सांस लेना जोखिमपूर्ण हो सकता है।

धनबाद: सबसे खराब स्थिति में


कोयला खदानों के लिए प्रसिद्ध धनबाद में वायु गुणवत्ता और खराब होती जा रही है। मंगलवार को धनबाद का AQI 122 दर्ज किया गया था, जबकि आज यह 173 तक पहुंचने की संभावना है। प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर को देखते हुए धनबाद झारखंड का सबसे प्रदूषित क्षेत्र बना हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, इन हालातों में बिना मास्क के बाहर जाना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की सलाह


झारखंड राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने लोगों को बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ सतर्क रहने की सलाह दी है।

मास्क का इस्तेमाल करें: बाहर जाते समय हमेशा मास्क पहनें।


ट्रैफिक में सतर्क रहें: सड़क पर बढ़ते प्रदूषण और धुएं से बचने के उपाय अपनाएं।
घर को सुरक्षित रखें: खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें ताकि घर में प्रदूषित कण न घुसें।
एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें: घर के अंदर की हवा साफ रखने के लिए प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
बच्चों को बचाएं: बच्चों को खुले में खेलने से रोकें, खासकर धूल और गंदगी वाले क्षेत्रों में।
AQI के खतरनाक स्तर


एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को छह श्रेणियों में बांटा गया है:

0-50: अच्छा
51-100: सामान्य
101-200: खराब
201-300: बहुत खराब
301-400: गंभीर
401-500: खतरनाक
रांची, जमशेदपुर और धनबाद में AQI “खराब” से “बहुत खराब” श्रेणी में बना हुआ है, जो फेफड़ों और दिल के मरीजों के लिए विशेष रूप से जोखिमपूर्ण है।

स्वास्थ्य पर असर


प्रदूषित हवा में सांस लेने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य सांस की बीमारियां बढ़ सकती हैं। ऐसे में संवेदनशील समूहों जैसे बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष के बजाय सुझाव


प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लेकर झारखंड के विभिन्न शहरों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। मास्क पहनना और प्रदूषण कम करने के प्रयास जैसे कार पूलिंग और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग, वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कारगर हो सकते हैं।

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