जमशेदपुर : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के तहत दो चरणों की मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला आना शेष रह गया है। शनिवार (23 नवंबर) को मतगणना के साथ इंतजार की यह घड़ी भी अब खत्म होनेवाली है। भारत निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के मुताबिक राज्य भर में मतगणना की सारी तैयारी लगभग पूरी कर ली गयी है। राज्य की 81 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव मैदान में जोर-आजमाइश के बाद अब मतगणना को लेकर प्रत्याशियों और समर्थकों की धड़कनें तेज हैं। पहचे चरण में विगत 13 नवंबर को 43 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ था, जिसमें प्रत्याशियों की संख्या 683 थी, जबकि 20 नवंबर को संपन्न दूसरे चरण के मतदान में राज्य की 38 सीटों पर प्रत्याशियों की संख्या 582 थी। इस तरह राज्य की सभी 81 विधासभा सीटों पर प्रत्याशियों की कुल संख्या 1265 है, जिनकी किस्मत ईवीएम में बंद है। इनमें कई बड़े चेहरे हैं, जिनकी प्रत्याक्ष अथवा परोक्ष रूप से साख दावं पर लगी है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री व ओडिशा के मौजूदा राज्यपाल रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा तथा पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा शामिल हैं। रघुवर दास की पुत्रवधु पूर्णिमा साहू, अर्जुन मुंडा की धर्मपत्नी मीरा मुंडा और मधु कोड़ा की धर्मपत्नी व पूर्व सांसद गीता कोड़ा शामिल हैं। इनके अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के अलावा अन्य मंत्री व विधायकों के भाग्य का फैसला होना है।
फिर बनेगी एनडीए की सरकार या खिलेगा कमल
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए गए एग्जिट पोल ने राज्य की राजनीति में गहरी हलचल पैदा कर दी है। इसके अनुसार, राज्य में एनडीए (NDA) गठबंधन को अधिक सीटें मिल सकती हैं, जबकि जेएमएम (JMM) गठबंधन को भी मजबूत स्थिति में देखा जा रहा है। लेकिन, सबसे प्रमुख बात यह है कि एनडीए को अधिक सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है, जिससे राज्य में सत्ता बदलने की संभावना को बल मिल रहा है।
एनडीए को मिल सकती है 42 से 47 सीटें
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए किए गए विभिन्न एग्जिट पोल्स ने राज्य में एनडीए के पक्ष में कई आंकड़े पेश किए हैं। एक एजेंसी के अनुसार, एनडीए को राज्य में 42 से 47 सीटें मिलने का अनुमान है, जो उन्हें सत्ता में वापसी के लिए मजबूत स्थिति में दिखाता है। वहीं, इंडिया गठबंधन को 25 से 30 सीटों तक ही सीमित रहने की संभावना जताई गई है, जिससे एनडीए को बढ़त मिल सकती है।
एग्जिट पोल के आंकड़ों का विश्लेषण
झारखंड के चुनावी परिणामों पर विचार करते हुए कुछ प्रमुख आंकड़ों को देखा जाये, तो एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल ने एनडीए को 25 सीटें, जेएमएम गठबंधन को 53 सीटें और अन्य को 3 सीटें मिल सकती हैं, का अनुमान जताया है। पी मार्क के एग्जिट पोल के मुताबिक, एनडीए गठबंधन को 31 से 40 सीटें और जेएमएम को 25 से 30 सीटें मिलने का अनुमान है। एक अन्य एजेंसी के सर्वे में एनडीए को 45 से 50 सीटों तक और जेएमएम को 35 से 38 सीटों तक मिलने की संभावना जताई गई है। पीपुल्स पल्स के एग्जिट पोल के अनुसार, एनडीए को 44 से 53 सीटें मिल सकती हैं, जबकि जेएमएम को 25 से 37 सीटों का अनुमान है। टाइम्स नाउ और जेवीसी के एग्जिट पोल के अनुसार, एनडीए को 40 से 44 सीटें और जेएमएम को 30 से 40 सीटें मिल सकती हैं।
राज्य में राजनीतिक समीकरण
झारखंड में चुनावी परिणाम केवल गठबंधन के आंकड़ों से नहीं, बल्कि राज्य की राजनीतिक धारा और समीकरण से भी प्रभावित होते हैं। एनडीए गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और अन्य छोटे दल शामिल हैं, जो राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे हुए हैं। वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और राजद के साथ मिलकर इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। वर्तमान में, बीजेपी और अन्य सहयोगी दलों ने राज्य में विपक्षी गठबंधन को चुनौती दी है और चुनावी प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है।
किसकी बनेगी सरकार?
अब सवाल यह उठता है कि झारखंड में असल में सत्ता किसे मिलेगी? एग्जिट पोल्स के आंकड़े बताते हैं कि एनडीए को बढ़त मिल सकती है, लेकिन अंतिम परिणामों में फेरबदल भी हो सकता है। यह चुनावी समीकरण राज्य के मतदाताओं की पसंद और गठबंधनों की जटिलता पर निर्भर करेगा। राज्य में आदिवासी और स्थानीय मुद्दों पर जोर दिया जा रहा है, और ऐसे में किसी भी गठबंधन को जीतने के लिए यह जरूरी होगा कि वे इन मुद्दों पर अपनी पकड़ बनाए रखें। राज्य के अंतिम चुनावी परिणाम आने के बाद ही यह साफ होगा कि कौन सत्ता में आएगा, लेकिन वर्तमान एग्जिट पोल्स ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ लाकर रख दिया है।