Home » Jharkhand Politics : DGP को जारी स्पष्टीकरण पर मचा सियासी भूचाल, मरांडी ने उठाए सवाल

Jharkhand Politics : DGP को जारी स्पष्टीकरण पर मचा सियासी भूचाल, मरांडी ने उठाए सवाल

द फोटोन न्यूज़ ने गृह विभाग के पत्र के जरिए किया था पूरे मामले का खुलासा

by Mujtaba Haider Rizvi
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

Ranchi : झारखंड में गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने डीजीपी अनुराग गुप्ता से आईपीएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार दिए जाने पर जो स्पष्टीकरण मांगा है, उस पर सियासी भूचाल आ गया है। इस मामले का ख द फोटान न्यूज अखबार ने गृह विभाग के पत्र के हवाले से इस मामले का खुलासा किया था। सोमवार को इस मामले पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार को आड़े हाथों लिया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने अनुराग गुप्ता की सेवा स्थिति और उनकी भूमिका पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है। सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर बाबूलाल मरांडी ने तीखा बयान जारी करते हुए लिखा कि अनुराग गुप्ता अब न तो अखिल भारतीय सेवा में हैं और न ही उन्हें सस्पेंड किया जा सकता है, क्योंकि केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें सेवा विस्तार नहीं दिया है। इसके बावजूद राज्य सरकार उन्हें डीजीपी बनाए रखे हुए है।

मरांडी ने लिखा कि अनुराग गुप्ता को न तो अब विभागीय कार्रवाई के दायरे में लाया जा सकता है, और न ही उन्हें वेतन मिल रहा है, जिसे मुख्यमंत्री रोक सकें। इसके बावजूद वह पूरे पुलिस महकमे में तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सिपाहियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग तक में लेन-देन हो रहा है।

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि 10 जून को 8 आईपीएस अधिकारियों को डीजीपी की कुर्सी पर बैठे “असंवैधानिक व्यक्ति” ने असंवैधानिक तरीके से अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया। ये सब न तो यूपीएससी की सूची के अनुसार हुआ और न ही मुख्यमंत्री की स्वीकृति से। ऐसे में गृह विभाग अब उनसे स्पष्टीकरण मांग रहा है, यह स्वयं में हास्यास्पद है।

मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि या तो मुख्यमंत्री को स्थिति की जानकारी नहीं है, या वे पूरी तरह अयोग्य हैं, या फिर वे खुद इस पूरी गड़बड़ी के जिम्मेदार हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि झारखंड में अब कुछ अफसर संविधान से नहीं, सत्ता के साथ अपने निजी नेटवर्क से संचालित हो रहे हैं। गौरतलब है कि अनुराग गुप्ता आईपीएस सेवा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन उन्हें राज्य सरकार द्वारा डीजीपी पद पर बनाए रखा गया है, जिससे प्रशासनिक व राजनीतिक हलकों में सवाल उठ रहे हैं।

Related Articles