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Jharkhand: बाबूलाल मरांडी का बड़ा आरोप, हेमंत सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को पंगु बना रही

राज्य सरकार तुरंत सूचना आयोग, महिला आयोग और लोकायुक्त के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करे.

by Reeta Rai Sagar
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रांची – झारखंड में राजनीतिक घमासान एक बार फिर तेज हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर संवैधानिक संस्थाओं को निष्क्रिय कर लोकतंत्र की नींव को कमजोर कर रही है।

प्रेसवार्ता में मरांडी ने बताया कि राज्य लोकायुक्त, महिला आयोग, सूचना आयोग और उपभोक्ता फोरम जैसी महत्वपूर्ण संस्थाएं वर्षों से अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियों के इंतजार में हैं। कहीं अध्यक्ष नहीं हैं, तो कहीं सदस्य; कुछ जगहों पर दोनों ही पद खाली पड़े हैं।

5000 से ज्यादा महिला आयोग मामलों की फाइलें धूल फांक रही हैं
मरांडी ने जानकारी दी कि महिला आयोग में वर्ष 2020 से अध्यक्ष और सदस्य के पद रिक्त हैं। इससे 5000 से अधिक मामले लंबित हैं, और महिलाएं न्याय से वंचित हो रही हैं। उन्होंने कहा, “सरकार नहीं चाहती कि महिलाएं समय पर न्याय पा सकें।”

उपभोक्ता फोरम और लोकायुक्त की स्थिति भी बदहाल
उन्होंने बताया कि राज्य के कई जिलों में उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त नहीं किए गए हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है। लोकायुक्त का पद भी रिक्त है, जिससे भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

सरकार टाल रही है नियुक्तियां, बना रही बहाने
मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति का बहाना बनाकर नियुक्तियों को टालती रही, जबकि भाजपा ने समय रहते नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कर दिया था। अब जब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मौजूद हैं, तब भी सरकार नियुक्तियों से बच रही है।

“मुखेर कानून” से चल रहा राज्य: मरांडी का तंज
मरांडी ने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार नहीं चाहती कि किसी बड़े अफसर या मंत्री के खिलाफ निष्पक्ष जांच हो सके। उन्होंने कहा, “यह सरकार संविधान से नहीं, बल्कि मुखेर कानून से राज्य चला रही है।”

मरांडी की मांग: तत्काल करें नियुक्तियां
उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार तुरंत सूचना आयोग, महिला आयोग और लोकायुक्त के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करे, ताकि जनता को न्याय मिले और शासन व्यवस्था पारदर्शी बने।

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