रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन CM Hemant Soren) की घोषणा, जिसमें 1 जनवरी 2025 से पहले नियुक्ति कैलेंडर जारी करने का वादा किया गया था, अधूरी साबित हुई। बीजेपी (BJP) प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री की इस घोषणा को “चुनावी वादे” का नाम देते हुए कहा कि न तो परीक्षा परिणाम जारी हुए और न ही नियुक्ति कैलेंडर पर कोई ठोस कदम उठाया गया।
लाखों प्रतियोगी छात्रों का भविष्य अधर में
मुख्यमंत्री ने पहले कैबिनेट बैठक में कहा था कि झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की परीक्षाओं के लिए कैलेंडर जारी किया जाएगा, जिससे भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध होगी। लेकिन साल के आखिरी दिन तक यह घोषणा केवल एक आश्वासन बनकर रह गई। इस देरी से राज्य के लाखों प्रतियोगी छात्र निराश हैं और कई युवा गुस्से में हैं।
राज्य सरकार पर निष्क्रियता का आरोप
राज्य में बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है, और हर बार सरकार की ओर से केवल वादे किए जाते हैं। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि बार-बार चुनावी वादों से उम्मीदें जगाना सही नहीं है।
बाबूलाल मरांडी का तीखा प्रहार
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने युवाओं से जो वादे किए, वे केवल “चुनावी लॉलीपॉप” बनकर रह गए। उन्होंने कहा कि सरकार को बेरोजगार युवाओं के भविष्य के प्रति गंभीर होना चाहिए और जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए।