रांची : झारखंड में मंईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों से बिचौलियों द्वारा पैसे ऐंठने का मामला सामने आया है। बाबूलाल मरांडी ने इस पर गंभीर आरोप लगाते हुए हेमंत सोरेन सरकार से मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत भौतिक सत्यापन के नाम पर कई महिलाओं से बिचौलियों ने पैसे वसूले हैं, जिससे उन महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जिन महिलाओं को योजना के तहत पैसा नहीं मिला, वे प्रखंड, अंचल कार्यालय, बैंक, और प्रज्ञा केंद्र का चक्कर लगा रही हैं, लेकिन उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा। कई महिलाओं को यह तक नहीं बताया जा रहा है कि उनका आवेदन क्यों अस्वीकृत हुआ। इस मौके का फायदा बिचौलिये उठा रहे हैं, जो इन महिलाओं से अवैध रूप से पैसे ले रहे हैं।
महिलाओं के आवेदन अस्वीकृत होने की वजह जानने का अधिकार
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से एक और मांग की है कि मंईयां सम्मान योजना के अस्वीकृत लाभार्थियों की सूची को अंचल कार्यालयों में सार्वजनिक किया जाए। इसके अलावा, महिलाओं को यह जानकारी दी जाए कि उनके आवेदन अस्वीकृत क्यों हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर अस्वीकृति के कारण स्पष्ट होंगे, तो महिलाएं वैध दस्तावेज़ जमा कर मंईयां सम्मान योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगी।
18 लाख लाभार्थियों को नहीं मिला पैसा, विपक्ष ने किया विरोध
गौरतलब है कि मंईयां सम्मान योजना के तहत जनवरी से मार्च तक की राशि होली से पहले डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से लाभार्थियों के खातों में भेजी गई थी। विपक्ष का आरोप है कि 18 लाख लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिला और उन्हें इसकी स्पष्ट वजह भी नहीं बताई गई। ये वही महिलाएं हैं जिनको पिछले साल अगस्त से नवंबर तक 1,000 रुपये की 4 किश्तें जारी की गई थीं। अब, लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है, और यह प्रक्रिया कई समस्याओं को जन्म दे रही है। इस बीच, विपक्ष ने राज्य सरकार से मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है ताकि बिचौलियों और भ्रष्टाचार को रोका जा सके।