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Jharkhand Budget Session Sand Issue : विधानसभा में बालू को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने

by Anand Mishra
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रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को बालू के मुद्दे को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी बहस देखने को मिली। विधायक नवीन जायसवाल ने बालू के वितरण पर सवाल उठाते हुए पूछा कि अब तक अबुआ आवास और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितने लाभुकों को बालू मिला है, और एक हाइवा बालू की कीमत क्या है?

सत्ता पक्ष का दावा

इस पर प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार बालू वितरण के मामले में गंभीर है और सभी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए काम कर रही है। उन्होंने बताया कि 444 बालू घाटों में से 261 घाटों का एलओआई निर्गत हो चुका है, 159 घाटों का एकरारनामा निष्पादित हो चुका है, और 64 घाटों को पर्यावरण स्वीकृति मिल चुकी है। मंत्री ने यह भी बताया कि अब तक 21 लाख सीएफटी बालू उपलब्ध है और 573 लाभुकों को 1 लाख 63 हजार सीएफटी बालू दिया गया है।

विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरा

इसके बाद, विधायक सीपी सिंह, नवीन जायसवाल, और मनोज यादव ने सरकार पर बालू के वितरण को लेकर आरोप लगाते हुए सत्तापक्ष को घेरा। सीपी सिंह ने कहा, “मैं बिहार से बालू मंगवाकर काम करा रहा हूं। अगर जेएसएमडीसी से बालू मंगवाना है तो ट्रक लेकर जाना होगा।” उन्होंने यह भी सवाल किया कि गरीबों को फ्री में बालू देने का दावा कितना सही है। विधायक मनोज यादव ने भी आरोप लगाया कि बालू चोरी से मिल रहा है और बिहार से रांची में बालू आ रहा है। वहीं, नवीन जायसवाल ने मंत्री योगेंद्र प्रसाद पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने जवाब देने के बजाय पेट्रोल और डीजल के रेट पूछे।

ऑनलाइन प्रणाली से बालू की उपलब्धता

प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने इस मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन करता है तो उसे आसानी से घर तक बालू पहुँच जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि बालू का दर दूरी के आधार पर तय किया जाता है।

अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे: शिक्षा और मानदेय

सदन में अन्य सवालों पर भी चर्चा हुई। विधायक निरल पूर्ति ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षकों के मानदेय को लेकर सवाल उठाया। इस पर शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने बताया कि नियमावली गठन की प्रक्रिया चल रही है। वहीं, समीर कुमार मोहंती के डीएलएड प्रशिक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में चार साल के प्रशिक्षण का प्रावधान है, जो 2030 के बाद लागू होगा। विधायक जयराम महतो ने स्मार्ट क्लास योजना के बारे में भी सवाल उठाया, जिस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसका कागजात शीघ्र उपलब्ध करा दिया जाएगा।

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