रांची : झारखंड विधानसभा के छठे सत्र के अंतिम दिन राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले जितने भी अभिभाषण हुए हैं, उनमें से यह अभिभाषण सबसे छोटा और सबसे अधिक दूरदर्शिता से भरा हुआ है। उन्होंने राज्य के इतिहास और झारखंड राज्य आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि यह राज्य खून से सींचा गया है और यहां के लोग स्वाभिमानी हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यहां के लोग जब कुछ ठान लेते हैं, तो वे तब तक नहीं रुकते जब तक उन्हें मंजिल नहीं मिल जाती।
2019 के बाद हुआ राज्य में बदलाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 के बाद झारखंड में कई सकारात्मक बदलाव आए हैं, चाहे वह आधारभूत संरचना का विकास हो, पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि हो या रोजगार सृजन की दिशा में किए गए प्रयास। उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां श्रमिकों के लिए बेहतर कानून बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री का भाजपा पर तंज
मुख्यमंत्री ने भा.ज.पा. विधायक सीपी सिंह पर तंज करते हुए कहा कि वे अब बुजुर्ग हो चुके हैं, और रांची शहर को नया आयाम देने का काम किया गया है। रांची का चहुंमुखी विकास हुआ है, और उन्होंने विश्वास जताया कि हर दिन राज्य में एक नया अध्याय जुड़ता जाएगा। हेमंत सोरेन ने कहा कि यह सरकार प्रोजेक्ट भवन से नहीं, बल्कि गांवों से काम करने वाली सरकार है, और राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए गांवों की अर्थव्यवस्था को सशक्त करना आवश्यक है।
राज्य की ऐतिहासिक लड़ाई का जिक्र
मुख्यमंत्री ने राज्य के ऐतिहासिक संदर्भ में बात करते हुए कहा कि देश के बड़े उद्योग जैसे बोकारो, एचईसी, और सिंदरी खाद कारखाना उस समय स्थापित हुए थे जब भारत में टाटा और बिड़ला जैसे बड़े नाम थे। बावजूद इसके, यहां के लोग भूमिहीन, बेरोजगार और विस्थापित होते गए। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य बनने की लड़ाई लंबी थी और इस पीड़ा को हमसे ज्यादा कोई नहीं समझ सकता।
2019 के बाद राज्य में आई नयी उम्मीद
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 2019 में गठबंधन सरकार बनने के बाद राज्य में बदलाव आया और जनता की भूमिका ने इस सरकार को अपने मुकाम तक पहुंचाया। हालांकि सत्ता से बेदखल करने के कई प्रयास हुए, लेकिन अब झारखंड का विकास एक नई दिशा में अग्रसर हो रहा है।