दुमका: दुमका के पुलिस लाइन मैदान में रविवार को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद बतौर मुख्य अतिथि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि संताल परगना की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं वीर सपूतों की बलिदानी भूमि है। कहा कि भारत के लिए गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व नहीं बल्कि गौरव और सम्मान है। आज का यह दिन हमारे सम्प्रभुता एवं जनतंत्र के प्रति गहरी आस्था का राष्ट्रीय पर्व है। महान विभूतियों को नमन करते हुए कहा कि अन्याय और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करना हमारी परंपरा रही है। कहा कि जब हम आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों के अधिकार की बात करते हैं, तो स्वभाविक रूप से जो नाम हमारे जेहन में सबसे पहले आता है, वह है-संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेदकर का।

ऐसे दूरदर्शी सोच रखने वाले राष्ट्रनिर्माता को, जिनके अथक प्रयास की बदौलत सदियों से शोषित इस वर्ग को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिला। हमारे संविधान ने सभी वर्गों के सामाजिक, धार्मिक, भाषाई एवं सांस्कृतिक हितों की रक्षा के साथ-साथ कमजोर वर्गों को अत्याचार और अन्याय से सुरक्षा प्रदान किया है और इसी का प्रतिफल है कि पिछले 75 वर्षों में देश के आदिवासी, पिछड़े, दलित एवं अल्पसंख्यक सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से पहले की तुलना में काफी सशक्त हुए हैं।
मेरा मानना है कि बाबा साहब के आदर्शों और मूल्यों को आत्मसात कर, उनके पदचिन्हों पर चलकर ही हम विकास के लक्ष्यों को सही अर्थों में प्राप्त कर सकते हैं। कहा कि हाल ही में हमारे राज्य में विधान सभा के चुनाव सम्पन्न हुए हैं। यह चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। झारखण्ड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी सत्ताधारी दल ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है, वह भी दो तिहाई बहुमत के प्रचंड जन-समर्थन के साथ।
झारखण्ड के प्रत्येक वर्ग और समुदाय, विशेषकर हमारी माताओं-बहनों ने जो भरोसा और विश्वास जताया है, अपना भरपूर प्यार और आशीर्वाद दिया है उसके लिए हम हृदय से आभारी हैं। झारखण्ड की महान जनता का अभिनन्दन करते हैं। कहा कि जनता के भरोसे ने हमारी जिम्मेवारियां और बढ़ा दी हैं। जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए हम दोगुने उत्साह से कार्य कर रहे हैं।
हमारी सरकार झारखण्डवासियों की खुशहाली के लिए यहां व्याप्त गरीबी, बेरोजगारी और पलायन जैसी समस्याओं के समाधान के लिए, सदियों से शोषित एवं वंचित आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों के हक अधिकार के लिए पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। हम सामाजिक न्याय के साथ विकास के नये प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं। झारखण्ड की सांस्कृतिक पहचान और झारखण्डी अस्मिता को कायम रखते हुए हम विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
महिला सशक्तिकरण हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता रही है। आज से लगभग पांच महीने पहले हमारी सरकार ने झारखण्ड की बहनों-दीदियों की आर्थिक स्वतंत्रता और गरिमा सुनिश्चित करने के व्यापक उद्देश्य से मंइयां सम्मान योजना के तहत 56 लाख लाभुकों को प्रति माह 2500 रूपए उनके खातों में भेजा जा रहा है। कहा कि सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के अन्तर्गत आठ लाख से अधिक किशोरियों को उनकी शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान किया जा रहा है।
सखी मंडल के रूप में ग्रामीण महिलाओं को संगठित कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। फूलो झानो आशीर्वाद योजना, दीदीबाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना के माध्यम से महिलाओं को आजीविका का सम्मानजनक विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है। पलाश ब्रांड के जरिए ग्रामीण महिला श्रम शक्ति को सम्मान मिला है। सर्वजन पेंशन योजन के माध्यम से राज्य के हर जरूरतमंद को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। अबुआ आवास योजन के माध्यम से गरीबों को तीन कमरों का पक्का मकान उपलब्ध कराया जा रहा है। हरा राशन कार्ड, बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना, बिरसा सिंचाई कूप संवर्द्धन योजना तथा मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना जैसी लोक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से गरीबों तथा जरूरतमंदों को लाभान्वित किया जा रहा है।
कहा कि राज्य में नियुक्ति की प्रक्रिया को तीव्र करते हुए विभिन्न कोटि के लगभग 48 हजार पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग को भेज दी गई है, जिसमें से 46 हजार पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया जा चुका है। इनमें से पांच हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है तथा 28 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई अंतिम चरण में है। झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा 11वीं व 13वीं सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया भी अंतिम चरणो में है। जल्द ही 342 पदों पर नियुक्ति के परीक्षाफल प्रकाशित किये जायेंगे। कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि नियुक्तियों में झारखण्ड के लोगों को उनका उचित हक मिले।
जो युवा स्वरोजगार करना चाहते हैं उन्हें आर्थिक मदद उपलब्ध करायी जा रही है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए अनुदानित दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना के तहत् वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 7,625 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं और लाभुकों के बीच 438 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है।
राज्य के युवाओं को हुनरमंद बनाने के कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के निमित मुख्यमंत्री सारथी योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत लगभग 4 लाख 84 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 2 लाख 14 हजार प्रशिक्षित युवाओं को जाब आफर प्राप्त हुए हैं। प्रशिक्षण एवं प्रमाणीकरण के तीन माह के अंदर नियोजित नहीं हो पाने वाले युवकों को प्रतिमाह 1000 रुपये तथा युवतियों एवं दिव्यांगजनों को 1500 रुपये प्रतिमाह रोजगार प्रोत्साहन भत्ता दिया जा रहा है। कहा कि पलायन को रोकना सरकार की प्राथमिकता रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी और पिछड़ापन को दूर करने में मनरेगा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में मनरेगा अन्तर्गत 900 लाख अनुमोदित मानव दिवस के विरूद्ध अब तक 714 लाख मानव दिवस का सृजन करते हुए कुल 2430 करोड़ रुपये की राशि का व्यय किया जा चुका है। मानव दिवस सृजन में महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत है।
बिरसा हरित ग्राम योजना अन्तर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 29 हजार एकड़ भूमि पर 32 हजार से अधिक परिवारों के लिए बागवानी का कार्य किया जा रहा है। लगभग तीन लाख सखी मंडलों का गठन कर 32 लाख परिवारों को सखी मंडल में जोड़ा जा चुका है तथा इन्हें 452 करोड़ रुपये चक्रीय निधि के रूप में तथा 1,946 करोड़ रुपये सामुदायिक निवेश निधि के रूप में उपलब्ध कराया गया है। 2.66 लाख सखी मंडलों को बैंक क्रेडिट लिंकेज से जोड़ा जा चुका है। महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के जरिए राज्य के तीन लाख परिवारों को लाह, रेशम उत्पादन, औषधीय पौधे की खेती एवं पशुपालन से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों के बुनियादी ढांचे को विकसित कर राज्य में तीव्र औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रही है। औद्योगिक पार्क, लाजिस्टिक पार्क तथा लाजिस्टिक इकाईयों की स्थापना के लिए निजी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से झारखण्ड औद्योगिक पार्क एवं लाजिस्टिक नीति अधिसूचित की गयी है। नई नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य को लैंड लिक्ड स्टेट से लैंड लिंक्ड स्टेट बनाना है।
वर्तमान में डैडम् इकाईयों के द्वारा राज्य में बडे़ पैमाने पर रोजगार सृजन तथा राजस्व में योगदान दिया जा रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार द्वारा झारखण्ड डैडम् प्रोत्साहन नीति अधिसूचित किया गया है। जिसमें डैडम् इकाईयों को 40 प्रतिशत तक अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।
तसर सिल्क के उत्पादन में झारखण्ड देश का प्रमुख एवं अग्रणी राज्य है। इसमें संताल परगना क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1,000 मीट्रिक टन के लक्ष्य के विरूद्ध 1,121 मीट्रिक टन कच्चे रेशम का उत्पादन किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1500 मीट्रिक टन कच्चे रेशम के उत्पादन की लक्ष्य प्राप्ति की ओर हम अग्रसर हैं। तसर रेशम के उत्पादन में गुणात्मक एवं संख्यात्मक वृद्धि के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7,075 रेशम उत्पादकों को उन्नत कीटपालन तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में भी अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा बच्चों को मिल रही है। 325 प्रखण्ड स्तरीय लीडर स्कूलों में आधारभूत संरचना का कार्य प्रगति पर है। अब ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को भी शिक्षा का बेहतर अवसर उपलब्ध हो रहा है। अगले तीन वर्षों में 4,041 पंचायत स्तरीय विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा।
झारखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में बोली जाने वाली जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं को ध्यान में रखते हुए मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षण व्यवस्था विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार के द्वारा विभिन्न जिलों के 1041 विद्यालयों में प्रायोगिक स्तर पर मातृभाषा आधारित शिक्षण व्यवस्था लागू की गयी है। राज्य में जनजातीय भाषाओं में मुंडारी, कुड़ुख, हो, खड़िया एवं संताली तथा क्षेत्रीय भाषाओं में बांग्ला एवं उड़िया की पाठ्यपुस्तकों का मुद्रण एवं वितरण किया गया है।
राज्य के वैसे छात्र जो 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होने के बाद आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं, उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु गुरूजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत 15 लाख रुपये तक ऋण 4 प्रतिशत साधारण ब्याज की दर में बैंको के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही है। इस योजना के तहत अब तक कुल 650 विद्यार्थियों को 40 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है। मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना तथा एकलव्य प्रशिक्षण योजना के माध्यम से छात्र छात्राओं को निश्शुल्क प्रशिक्षण एवं कोचिंग की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
समाज के वंचित वर्गों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए हमारी सरकार द्वारा वाल्मिकी छात्रवृत्ति योजना लागू की गयी है। इस योजनान्तर्गत अनाथ एवं दिव्यांग विद्यार्थियों को प्रोत्साहन और वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु अध्ययन के प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये ट्यूशन फी का भुगतान किया जाएगा। साथ ही दैनिक उपभोग, अध्ययन सामग्री इत्यादि के लिए 4000 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाएगा। सरकार मानकी मुण्डा छात्रवृत्ति योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर तथा राज्य के पोलिटेकनिक संस्थानों में अध्ययनरत छात्राओं को प्रतिवर्ष रुपये 15000 रुपए तथा अभियंत्रण संस्थानों में अध्ययनरत छात्राओं को प्रतिवर्ष
रुपये 30,000 रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी।
मराड गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को सरकारी खर्च पर विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर सरकार उपलब्ध करा रही है। इस योजना से अब तक 73 छात्र छात्राओं को लाभान्वित किया गया है। वर्तमान में इस योजनान्तर्गत प्रति वर्ष 25 छात्र छात्राओं का चयन किया जाता है जिसे बढ़ाकर 50 किये जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
ऋण के बोझ से दबे अन्नदाता किसानों को झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना के माध्यम से सरकार राहत पहुंचा रही है। इस योजना के तहत हमने दो लाख रुपये तक का कृषि ऋण माफ किये जाने का निर्णय लिया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 1 लाख 82 हजार लाभुकों का 403 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया है। मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 129 करोड़ रुपये की राशि लाभुकों के बीच वितरित की जा रही है। झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना के माध्यम से फसल नुकसान होने की स्थिति में किसानों को उसकी क्षतिपूर्ति के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
सुखाड़ की स्थिति के मद्देनजर कम पानी में पैदा होने वाली मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए झारखण्ड राज्य मिलेट मिशन प्रारम्भ किया गया है। इसके तहत किसानों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 3000 रुपये प्रति एकड़ अधिकतम पांच एकड़ तक के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सुलभ कराने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की शुरूआत की है। इस योजना के अन्तर्गत लाभुकों को प्रतिवर्ष, प्रति परिवार 15 लाख रुपये की चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
इसके साथ ही, राज्य सरकार के द्वारा सरकारी कर्मियों, सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार को भी हर साल 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिये जाने पर स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इस वर्ष मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन एवं रख-रखाव योजना प्रारंभ की गयी है। इस योजना के लिए 1 अरब
35 करोड़ की राशि की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस राशि का व्यय अस्पताल भवनों के सुदृढ़ीकरण एवं अन्य आवश्यक मदों में किया जायेगा।राज्य में सड़क , रेल एवं वायु मार्ग का विस्तार हुआ है।
पर्यटन, औद्योगिक एवं आर्थिक महत्व के केन्द्रों को उन्नत सम्पर्क प्रदान करने के साथ-साथ ग्रामीण पथों एवं राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच सड़क नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में पथ निर्माण विभाग द्वारा अब तक कुल 2,075 किमी पथों का चौड़ीकरण, मजबूतीकरण का काम किया गया है। लगभग 837 करोड़ रुपये की राशि के 43 पथ तथा एक पुल योजना का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही स्वीकृत योजनाओं में लगभग 2,796 करोड़ रुपये की राशि के 89 पथ एवं 9 पुल योजनाओं का विधिवत् शिलान्यास किया गया है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 790 किमी पथ का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। 2,519 करोड़ रुपये लागत राशि की 935 योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिससे 2,368 किमी पथ का निमार्ण किया जाना है। मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना अन्तर्गत 70 पुल निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 51 पुल के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके इसके लिए हम तेजी से काम कर रहे हैं। जल जीवन मिशन के तहत राज्य के कुल 62.55 लाख ग्रामीण परिवारों को कार्यरत घरेलू नल जल ;थ्भ्ज्ब्द्ध के द्वारा षुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के लक्ष्य के विरूद्ध अबतक 34 लाख 17 हजार परिवारों को इस योजना से आच्छादित किया जा चुका है। राज्य के कुल 29,398 गांव में से 6,247 गांवों को पूर्णरूपेण कार्यरत घरेलू नल जल से आच्छादित किया जा चुका है। घरों के साथ-साथ विद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी नल के पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।
कमजोर एवं पिछड़े वर्ग के छात्र छात्राओं की शिक्षा में कोई व्यवधान न हो, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत् इन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 36 लाख छात्र-छात्राओं को कुल 1,415 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत अब तक कुल 21.54 लाख छात्र-छात्राओं को कुल 442 करोड़ रुपये छात्रवृत्ति प्रदान किया गया है।
साइकिल वितरण योजना के तहत कक्षा आठ में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को साइकिल उपलब्ध करायी जा रही है। इस योजना के तहत् वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में कुल 04 लाख 71 हजार छात्र-छात्राओं के बीच साइकिल का वितरण किया गया है। छात्र-छात्राओं के ड्राप-आउट रेट में कमी लाने में साईकिल वितरण योजना काफी प्रभावी साबित हुई है। बेहतर विद्युत सुविधा मिल सके, हर गांव-शहर में बिजली पहुंचे, हमारा यह प्रयास है। राज्य के हर वर्ग के उपभोक्ताओं को सहज विद्युत आपूर्ति के लिए 200 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली उपलब्ध करायी जा रही है, जिससे राज्य के
41 लाख से अधिक उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित झारखण्ड मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के माध्यम से लोगों को लाभ मिलना प्रारम्भ हो गया है। इस योजना के तहत अबतक कुल 572 ग्रामीण मार्ग अधिसूचित किये गये हैं तथा उन ग्रामीण मार्गों पर कुल 92 बसों को परमिट निर्गत किया जा चुका है। कहा कि राज्य ने वन संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन किया है। राज्य का वन आवरण एवं वृक्षारोपण बढ़ कर राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 34 प्रतिशत हो गया है। हमारे राज्य में पर्यटन के विकास की असीम संभावनाएँ हैं। इको टूरिज्म के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर भी पर्यटकीय दृष्टिकोण से सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। झारखण्ड के समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों और स्थापत्य के विरासतों के संरक्षण और विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।
झारखण्ड की कला, संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध विरासत, गीत-संगीत, भाषा एवं जीवन शैली को संरक्षित करने एवं इसे आगे बढ़ाने की दिशा में झारखण्ड आदिवासी महोत्सव का आयोजन सरकार का एक महत्वपूर्ण एवं दूरगामी कदम है। जल-जंगल-जमीन हमारी पहचान है और इस पहचान को बनाये रखते हुए हम विकास की ऊंचाईयों को छूने का प्रयास कर रहे हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विभिन्न विभागों के झांकियों का भी अवलोकन किया।
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