रांची : रांची परिसदन में रविवार को झारखंड कांग्रेस विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस विधायक दल नेता प्रदीप यादव ने की और मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के राजू एवं प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश उपस्थित रहे। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा की गई और आने वाले समय के लिए रणनीतियाँ तैयार की गईं।
विधायकों को दी गई नई जिम्मेदारी
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी के राजू ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस बैठक में विशेष रूप से झारखंड कांग्रेस विधायक दल की कार्य योजना पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विधायक को अब दो जिलों की जिम्मेदारी दी जाएगी। ये विधायक हर महीने इन जिलों में जाकर जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक में भाग लेंगे और वहां पर जनता के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही इन विधायकों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जिला स्तर पर जो मुद्दे उभरकर सामने आएं, उन्हें राज्य सरकार तक पहुंचाया जाए।
विधायकों के लिए कैलेंडर तैयार होगा
के राजू ने बताया कि इस योजना के तहत प्रत्येक विधायक के लिए अगले एक साल का कैलेंडर तैयार किया जाएगा, जिसमें यह तय किया जाएगा कि किस महीने कौन सा विधायक किस जिले में बैठक करेगा। इन बैठकों में विधायकों की उपस्थिति में जनता से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि मंत्रीमंडल के चार मंत्रियों को पांच प्रमंडलों की जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि वे इन क्षेत्रों में जाकर जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के मुद्दों को सुन सकें।
बजट सत्र में कांग्रेस की मजबूती
कांग्रेस विधायक दल नेता प्रदीप यादव ने आगामी बजट सत्र को लेकर कहा कि यह सत्र बेहद महत्वपूर्ण है और इस दौरान कांग्रेस पार्टी अपनी प्रमुख मांगों को सशक्त तरीके से उठाएगी। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों को फिर से सरकार के समक्ष रखा जाएगा। इस संबंध में उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण बढ़ाने के लिए सरकार ने एक विधेयक पारित किया है जिसे केंद्र सरकार के पास भेजा गया है, लेकिन उसे लटका कर रखा गया है। कांग्रेस पार्टी इन मुद्दों को सदन में उठाएगी और इस पर सरकार से जवाब मांगेगी।
जातीय जनगणना पर जोर
के राजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का उद्देश्य झारखंड में भी जातीय जनगणना कराना है ताकि राज्य में सभी समुदायों की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षिक स्थिति का सही आकलन हो सके। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि तेलंगाना में जातीय जनगणना के बाद वहां की सरकार ने सूचनाओं और डाटा के आधार पर नीतियां बनाईं, जो कि बहुत प्रभावी साबित हुईं।
संगठन की मजबूती पर भी चर्चा
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने संगठन को ग्रासरूट तक मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने यह भी बताया कि आगामी नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस की भूमिका और विधायकों की सक्रियता पर भी चर्चा की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस विधायक अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए सदन में जनता से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे।
ये थे उपस्थित
विधायक दल के उप नेता राजेश कच्छप, डॉ. रामेश्वर उरांव, राधा कृष्ण किशोर, दीपिका पांडे सिंह, इरफान अंसारी, शिल्पी नेहा तिर्की, सोनाराम सिंकू, भूषण बाड़ा, श्वेता सिंह, रामचंद्र सिंह, नमन विक्सल, कौनगाड़ी निशत आलम और ममता देवी।