हजारीबाग : झारखंड में फिर से इंडिया गठबंधन की सरकार बनने के बाद, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य में बदलाव की उम्मीदें जताई जा रही हैं। हालांकि, सीपीआई के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यों पर सवाल उठाए। उन्होंने शनिवार को सीपीआई कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य के गठन के 24 साल बाद भी विस्थापन नीति और नियोजन नीति नहीं बनाई जा सकी है, जिससे राज्य के आदिवासी और मूलवासी समुदाय के लोग निराश हैं।
रोजगार और भ्रष्टाचार पर सवाल मेहता ने कहा
पूर्व सांसद मेहता ने रोजगार के मुद्दे पर सरकार पर जमकर हमला किया और कहा कि हेमंत सोरेन सरकार अब तक युवाओं को रोजगार नहीं दे पाई है, जिससे राज्य के युवाओं में आक्रोश है। इसके साथ ही उन्होंने आदिवासी मूलवासियों को उनका अधिकार देने के वादे को भी विफल बताया।
मेहता ने यह भी आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री ने अब तक कोई कठोर कदम नहीं उठाए हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अबुवा आवास योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं में गरीबों का काम बिना रिश्वत के नहीं हो रहा है, और सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार पूरी तरह व्याप्त है।
आंदोलन की घोषणा
सीपीआई नेता ने यह भी कहा कि हजारीबाग और चतरा समेत राज्य के अन्य जिलों में किसानों की जमीनों की लूट हो रही है। इसके खिलाफ उन्होंने आगामी 7 जनवरी 2025 से चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की। यह आंदोलन सीपीआई और खतियानी परिवार के संयुक्त तत्वाधान में होगा, और इसकी शुरुआत 7 जनवरी को सदर प्रखंड में महा रैली से की जाएगी।
इस अवसर पर अधिवक्ता गुलाम जिलानी, सीपीआई के जिला सह सचिव निजाम अंसारी, सीपीआई झारखंड राज्य महिला समाज की जिला सचिव सुनीता कच्छप, बिंदु देवी, महेंद्र राम, अशोक मेहता, नरेश कुशवाहा, और खतियानी परिवार के महासचिव मोहम्मद हकीम भी उपस्थित थे।