जामताड़ा : झारखंड के जामताड़ा जिले में साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस ने सात युवकों को गिरफ्तार किया है। ये युवक नारायणपुर थाना क्षेत्र के बांसपहाड़ी इलाके के एक निर्माणाधीन मकान में बैठकर साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से 32 मोबाइल, सात आइफोन, 36 सिम कार्ड और पांच बाइक जब्त की गई हैं।
कैसे हो रही थी ठगी?
यह ठगी गूगल में विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियों, ई-पेमेंट कंपनियों और उपभोक्ता सामग्री कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर के रूप में फर्जी मोबाइल नंबर डालकर की जा रही थी। आरोपियों का तरीका था कि वे उपभोक्ताओं को कॉल करके उनके समस्याओं का निपटारा करने के नाम पर ठगी करते थे। यह जानकारी गुरुवार को एसपी ऐहतेशाम वकारिब ने साइबर थाना में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी।
पुलिस की छापेमारी और गिरफ्तारियां
इस ठगी का भंडाफोड़ तब हुआ जब पुलिस को सूचना मिली कि नारायणपुर के जंगल क्षेत्र में साइबर ठगी की गतिविधियां चल रही हैं। इसके बाद, थानाध्यक्ष मनोज कुमार महतो के नेतृत्व में पुलिस टीम ने बांसपहाड़ी स्थित निर्माणाधीन भवन पर छापेमारी की। यहां से सात आरोपी गिरफ्तार किए गए, जिनमें भरत दे (27), असरफ अंसारी (20), रहमत अंसारी (26), जुबैर अंसारी (25), सफाकत अंसारी (24), विजय कुमार मंडल (20), और अशोक मंडल (19) शामिल हैं। सभी आरोपी बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटका के निवासी हैं।
बरामदगी और अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
पुलिस ने आरोपियों के पास से 32 मोबाइल फोन, जिनमें से सात आइफोन थे, 36 सिम कार्ड और पांच बाइक जब्त की हैं। इन बाइक में बुलेट, अपाची और पल्सर जैसे मॉडल शामिल हैं। एसपी ऐहतेशाम वकारिब ने बताया कि इन सभी आरोपियों में से भरत दे पहले भी जेल जा चुका है और उसके खिलाफ 2021 में साइबर अपराध थाने में एक मामला दर्ज किया गया था। बाकी आरोपियों का भी आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और बढ़ती सफलता
एसपी ने यह भी बताया कि पिछले छह महीने में जिले में 200 से अधिक साइबर अपराधी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और कई अपराधियों को सजा दिलवाई जा चुकी है। जामताड़ा जिले में साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं के बावजूद पुलिस की सख्त कार्रवाई ने परिणाम दिखाना शुरू किया है। अब जामताड़ा साइबर ठगी के मामले में एनसीपीआर की सूची में 14वें स्थान पर है, जबकि पहले यह शीर्ष पर था।
भविष्य की योजनाएं और जागरूकता
एसपी ने आबताया कि साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए दूसरे राज्यों की पुलिस से समन्वय किया जा रहा है और अपराधियों को रिमांड पर भेजा जा रहा है। साइबर टीम का उद्देश्य है कि जामताड़ा को साइबर ठगी की सूची से बाहर किया जाए। इसके लिए लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया जाएगा, ताकि वे ठगी से बच सकें।