रांची : झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर राज्य सरकार पर रोजगार के मुद्दे को लेकर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से एक तीखे और व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि वह फिर से गरीब और आदिवासी युवाओं को मुर्गी, अंडा और सूअर बेचने की सलाह दें, ताकि वे जेपीएससी (JPSC) और जेएसएससी (JSSC) परीक्षाओं की तैयारी में समय न गंवाएं।
युवाओं के शोषण का आरोप
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार युवाओं को रोजगार देने में गंभीर नहीं है और यह रोजगार के नाम पर एक शोषण तंत्र बन चुकी है। बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “सरकार पिछले दरवाजे से एजेंसियों के माध्यम से बाहरी लोगों को सरकारी नौकरी पर नियुक्त कर रही है, जबकि झामुमो के नेता आदिवासी युवाओं से चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए भी पैसे की उगाही कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार का पूरा तंत्र युवाओं का शोषण करने में व्यस्त है। उनका कहना है कि जबकि जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति हो चुकी है और उन्हें सभी सुविधाएं भी मिल रही हैं, वहीं युवाओं की नियुक्ति की फाइलों पर कोई काम नहीं हो रहा है।
सरकारी तंत्र की विफलता और बेरोजगारी पर कटाक्ष
मरांडी ने तंज कसते हुए कहा, “जब तक मुख्यमंत्री अपनी ‘हिस्सेदारी’ तय नहीं कर लेते, तब तक न तो परीक्षा कैलेंडर जारी होगा, न भर्ती परीक्षाएं होंगी और न ही कोई परिणाम घोषित किया जाएगा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पूरी सरकार और प्रशासन की विफलता का परिणाम है, जो रोजगार के अवसरों को रोककर युवाओं को एक बार फिर से धोखा दे रही है।
युवाओं के भविष्य को लेकर सवाल
बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा कि अगर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार युवाओं के भविष्य और रोजगार को प्राथमिकता दे रही होती, तो आज यह स्थिति नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार युवाओं के लिए विकास और रोजगार के अवसर सुनिश्चित करेगी और हेमंत सरकार की नाकामी को उजागर करेगी।