Jamshedpur (Jharkhand) : JFC के डिफेंडर सार्थक के लिए फुटबॉल सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि उनकी ज़िंदगी का अहम हिस्सा रहा है। बचपन से पिता की सीख और मैदान की यादों ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया।
सार्थक कहते हैं – “मेरे पिता मेरे पहले कोच और सबसे बड़े आलोचक रहे। उन्हें देखकर ही फुटबॉल के प्रति प्रेम जगा।”
जेएफसी (Jamshedpur FC) की लाल जर्सी पहनने का एहसास उनके लिए खास रहा। डूरंड कप में पहला मैच खेलना उन्होंने अपने करियर का अहम पल बताया।
डिफेंडर के तौर पर सार्थक खुद को हमेशा never give up attitude वाला खिलाड़ी मानते हैं। टैकल, ब्लॉक या गोल-लाइन क्लीयरेंस – उन्हें टीम की रक्षा करने में सबसे ज्यादा खुशी मिलती है।
कोच बस्तब रॉय और कोलम तोल ने उनके करियर को नई दिशा दी। वहीं, भारत की जर्सी पहनना उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान रहा।
मैदान से बाहर वह सादगी भरा जीवन पसंद करते हैं – “संगीत सुनना, फिल्में देखना और शॉपिंग करना मुझे रिलैक्स करता है।”
फैंस के प्रति आभार जताते हुए सार्थक ने कहा – “जमशेदपुर के प्रशंसकों ने मुझे पहले दिन से घर जैसा महसूस कराया। मैं हमेशा टीम की जीत के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा।”