रांची : झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने बुधवार को रांची स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस मैन्यूफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी (एनआईएमटी) में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन का आयोजन एनआईएमटी के डिपार्मेंट ऑफ फाउंड्री एंड फोर्ज और द इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), झारखंड के सहयोग से किया गया। सम्मेलन का विषय था “एडवांस इन फाउंड्री एंड फॉर्मिंग टेक्नोलॉजी” और इसका मुख्य उद्देश्य तकनीकी प्रगति तथा सतत विकास में योगदान देना था।
राज्यपाल ने किया मार्गदर्शन
राज्यपाल ने उद्घाटन भाषण में कहा कि फाउंड्री और फॉर्मिंग तकनीक औद्योगिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर निर्माण, ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस और रक्षा जैसे क्षेत्रों में। उन्होंने एनआईएमटी की समृद्ध परंपरा और तकनीकी अनुसंधान में इसके योगदान की सराहना की। राज्यपाल ने यह भी कहा कि औद्योगिक विकास और पर्यावरणीय संतुलन के बीच सामंजस्य स्थापित करना आवश्यक है।
सतत विकास और ऊर्जा दक्षता पर जोर
राज्यपाल ने आगे कहा कि टिकाऊ प्रौद्योगिकियां, ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण-संवेदनशील नवाचार सतत विकास के लिए नए अवसर प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे आयोजनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद मिलेगी।
एनआईएमटी का सामाजिक योगदान और आगे की दिशा
राज्यपाल ने एनआईएमटी से हटिया और आसपास के क्षेत्रों में शिक्षा, स्वच्छता और कौशल विकास के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन तकनीकी ज्ञान के आदान-प्रदान का एक सशक्त मंच बनेगा और भविष्य के इंजीनियरों तथा वैज्ञानिकों को प्रेरित करेगा।
सम्मेलन में प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
सम्मेलन में एनआईएमटी के कुलाधिपति डॉ. अरुण कुमार झा, पूर्व अध्यक्ष श्याम अर्जुनवाडकर, राजनीतिक विशेषज्ञ डॉ. एस दत्ता, झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के कुलपति डॉ. डीके सिंह, एनआईएमटी के निदेशक प्रो. पीपी चट्टोपाध्याय और द इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियर्स, झारखंड के अध्यक्ष इंजीनियर महेश कुमार गुप्ता सहित कई प्रमुख शिक्षाविद, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित थे।